कोलकाता
सिक्किम ने नोवेल कोरोना वायरस से खुद को बचाने के लिए विदेशी नागरिकों की एंट्री पर बैन लगाने का फैसला किया है। इसकी वजह से यात्रियों, टूर ऑपरेटर्स और होटल के बीच में डर का माहौल है ,क्योंकि उन्हें इसकी वजह से दार्जिलिंग की बुकिंग भी रद्द हो सकती है। चीनी सीमा से लगे नाथू ला विजिट पर पूरी तरह बैन लगा दिया गया है।
उधर, क्लबसाइड टूर ऐंड ट्रैवल के मालिक अमित पेरिवाल ने कहा, 'दार्जिलिंग और सिक्किम में इंटर-लिक्ड पर्यटन स्थल हैं। विदेशी यात्री सिक्किम में साढ़े चार दिन और ढाई दिन दार्जिलिंग में रहते हैं। वे अब सिक्किम नहीं आ पाएंगे, उन्हें अब दार्जिलिंग का दौरा भी रद्द करना पड़ सकता है और वे सप्ताह भर की छुट्टी के लिए कहीं और जाएंगे।' उन्होंने अमेरिका और यूरोप के अपने क्लाइंट को सरकार के फैसले से अवगत कराया है।
उधर, सिक्किम सरकार का कहना है कि इससे पर्यटन प्रभावित होगा लेकिन सुरक्षा पहली प्राथमिकता है। गृह विभाग ने गुरुवार को इनर-लाइन परमिट पर रोक लगाने वाला नोटिफिकेशन जारी किया है। यह प्रतिबंध भूटान के नागरिकों पर भी लागू होगा। अधिसूचना के कुछ घंटों के बाद ऑस्ट्रेलियाई ग्रुप जिन्हें 28 मार्च को इलाके में घूमने आना था, उन्होंने ब्लू लाइन टूर ऐंड ट्रैवल को बुकिंग रद्द करने का अनुरोध भेजा है। ट्रैवल कंपनी के मालिक प्रदीप लामा ने कहा, 'मुझे डर है कि इस तरह की कई बुकिंग रद्द होंगी।'
दार्जिलिंग में यात्रा करने वाले 8 प्रतिशत टूरिस्ट विदेशी होते हैं। इनमें अमेरिकी, यूरोपीय नागरिकों के अलावा चीनी और जापानी भी शामिल होते हैं जो कि सिक्किम और उत्तरी बंगाल आते हैं। चीनी और जापानी नागरिकों के भारत में एंट्री पर रोक लगा हुआ है, वहीं सिक्किम सरकार का फैसला न सिर्फ दार्जिलिंग के होटल के प्रभावित करेगा, बल्कि यह कोलकाता और देश के बाकी हिस्से की ट्रैवल इंडस्ट्री को भी प्रभावित कर सकता है।
ट्रैवल एजेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के चेयरमैन (पूर्व) अनिल पंजाबी ने बताया, 'विदेश जाने वाले ट्रैवल प्रभावित होने के कारण, हम विदेशी नागरिकों को भारत की तरफ आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि यह कोरोना वायरस से अपेक्षाकृत मुक्त रहा है। लेकिन केरल और फिर दिल्ली व आगरा में केस आने के बाद बड़े टूरिस्ट चले गए हैं। अब सिक्किम में विदेशी नागरिकों की नो एंट्री से भारत का पर्यटन व्यवसाय प्रभावित होगा।'