मध्य प्रदेश

सागर विश्वविद्यालय पर हाईकोर्ट ने लगाया 5 लाख का जुर्माना, 4 दिन का टाइम

भोपाल
हाईकोर्ट की युगलपीठ के न्यायाधीश आरएस झा और विशाल धगट ने हरि सिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर की बीएड काउंसलिंग को निरस्त करते हुए पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाया है, जिसे विवि को चार हफ्ते में जमा करना है। विवि ये राशि एकेडमिक प्रोग्राम कमेटी के सदस्यों से वसूलेगी। क्योंकि उन्होंने ये काउंसलिंग कराकर विवि के दायरे में आने वाले करीब दो दर्जन कालेजों में दो हजार 245 विद्यार्थियों का प्रवेश कराए हैं। काउंसलिंग फर्जी साबित होने पर सभी प्रवेश निरस्त किए जाएंगे। अब विभागीय काउंसलिंग भी समाप्त हो चुकी है, जिससे अब वे प्रदेश के दूसरे कालेजों में प्रवेश भी नहीं ले सकते हैं।

विद्यार्थियों के भविष्य को सुरक्षित करते हुए हाईकोर्ट ने उच्च शिक्षा विभाग को काउंसलिंग कराकर उन्हें प्रवेश देने के लिए निर्देशित किया है। हाईकोर्ट ने इकसे लिए पांच सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है, जिसकी अध्यक्षता सागर संभाग के अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा विभाग होंगे। विवि को सभी प्रवेशित विद्यार्थियों की फीस को भी वापस करने के आदेश दिए गए हैं। वे ये फीस कैसे वापस करेंगे ये सूचना विवि को हाईकोर्ट में देना है। विवि को कुछ बिंदुओं पर अंटरटेकिंग भी देना हैं, जिसके उल्लंघन पर उनके खिलाफ हाईकोर्ट कार्रवाई भी करेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय काउंसलिंग कर प्रदेश के सभी बीएड कालेज में प्रवेश देने के लिए आदेश दिए हैं। इसके बाद भी सागर विवि ने अपनी काउंसलिंग कराकर दो दर्जन बीएड कालेकों में प्रवेश करा दिए। हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट को देखते हुए सागर विवि की काउंसलिंग से हुए प्रवेश निरस्त कर दिए हैं।

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