अहमदनगर
साईं बाबा की जन्मभूमि को लेकर विवाद ने बड़ा रूप ले लिया है और रविवार से शिरडी बंद का ऐलान कर दिया गया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पाथरी को साईं की जन्मभूमि बता दिया था, जिसके बाद विवाद हो गया। इसके बाद एक ओर जहां शिरडी गांव के लोग नाराज हो गए हैं, वहीं बीजेपी सांसद सुजय विखे पाटिल ने कानूनी लड़ाई की चेतावनी दी है।
गौरतलब है कि परभणी जिले का पाथरी शिरडी से करीब 275 किलोमीटर दूर स्थित है। ठाकरे ने इसे साईं की जन्मभूमि बताया और इसके विकास के लिए 100 करोड़ रुपये का ऐलान कर दिया। यूं तो साईं के जन्म को लेकर साफ-साफ जानकारी किसी को नहीं है, लेकिन कहा जाता है कि वह शिरडी आकर बस गए और यहीं के होकर रह गए। इसके बाद से शिरडी की पहचान भी साईं से हो गई।
पाथरी के विकास से आपत्ति नहीं
सीएम के ऐलान के बाद शिरडी गांव के निवासी नाराज हो गए हैं। शिरडी साईं ट्रस्ट के कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्हें पाथरी के विकास से आपत्ति नहीं है लेकिन उसे साईं की जन्मभूमि कहना ठीक नहीं है। इससे पहले भी साईं बाबा और उनके माता-पिता के बारे में कई गलत दावे किए जा चुके हैं। सीएम के बयान से लोग इतने आहत हो गए हैं कि शिरडी में बंद बुला लिया गया।
हालात संभालने की कोशिश
विवाद को शांत करने के लिए महाराष्ट्र विधान परिषद की उपसभापति और शिवसेना की नेता निलम गोर्हे ने गुरुवार को शिरडी पहुंचकर शिरडी बंद न करने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जल्द ही इस बारे में शिरडी के लोगों से बातचीत करेंगे।
राजनीति तेज
इस मुद्दे पर बीजेपी सांसद सुजय विखे पाटिल ने पूछा है कि पाथरी को साईंबाबा का जन्मस्थान बताने का मुद्दा नई सरकार के आने के बाद ही क्यों उठ खड़ा हुआ। पाटिल ने यह भी कहा कि शिरडी के लोग इस मुद्दे पर कानूनी लड़ाई भी लड़ सकते हैं। वहीं, दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि जन्मस्थल पर विवाद के कारण पथरी में श्रद्धालुओं को दी जाने वाली सुविधाओं का विरोध नहीं होना चाहिए।
पाथरी में जन्म के सबूत
एनसीपी नेता दुर्रानी अब्दुल्लाह खान ने गुरुवार को दावा किया कि इसके पर्याप्त सबूत हैं कि साईबाबा का जन्म पाथरी में हुआ था। उन्होंने कहा, 'शिरडी साईंबाबा की कर्मभूमि है जबकि पथरी उनकी जन्मभूमि है और दोनों स्थानों का अपना महत्व है।' उन्होंने कहा कि देश और दुनिया के पर्यटक पाथरी जाते हैं लेकिन वहां ढांचागत सुविधाओं का अभाव है।
खान ने कहा, 'शिरडी के लोगों को धन की समस्या नहीं है। वह पाथरी को साईबाबा का जन्म स्थल मानने को तैयार नहीं हैं।' खान ने आरोप लगाया कि शिरडी के निवासियों को डर है कि यदि पाथरी प्रसिद्ध हो गया तो श्रद्धालुओं की भीड़ वहां चली जाएगी।