भोपाल
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह ने बड़ा बयान दिया है। मुख्यमंत्री निवास के बाहर निकलने के तुरंत बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार फ्लोर टेस्ट कराएगी और उस में आसानी के साथ बहुमत भी साबित करेगी। इस बात की व्यापक संभावना जताई जा रही थी कि वर्तमान राजनीतिक संकट के चलते अब मध्यप्रदेश में शक्ति परीक्षण तय है और दिग्विजय सिंह के इस बयान से तय हो गया है कि आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश की सियासत में एक बार फिर सरगर्मी रहेगी।
वर्तमान परिदृश्य के हिसाब से अगर देखा जाए तो विधानसभा की कुल 230 सीटों में से 228 सीटों पर विधायक हैं ।जौरा और आगर मालवा की सीटें विधायकों के निधन के कारण रिक्त हो गई है। 228 विधायकों में से कांग्रेस के 22 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं और इस तरह उसके पास जो 114 का संख्या बल था वह घटकर 92 रह गया है। वहीं बीजेपी के पास अभी 107 सीटें हैं। कांग्रेस को 92 सीटों के अलावा अभी तक बसपा के दो सपा का एक और चार निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है लेकिन इसके बावजूद वह बहुमत के आंकड़े से दूर है। कांग्रेस के नेताओं को विश्वास है कि बेंगलुरु गए विधायकों में से कई विधायक एक बार फिर पार्टी में लौट आएंगे। इस्तीफा दे चुके विधायकों की स्थिति को तकनीकी रूप से कांग्रेस सही नहीं मान रही क्योंकि जब तक वह विधानसभा अध्यक्ष को रूबरू आकर इस्तीफा न दे,वह स्वीकार नहीं होता। ऐसी स्थिति में मध्य प्रदेश की राजनीतिक स्थिति बहुत दिलचस्प होगी।