रायपुर
छत्तीसगढ़ के उन बेरोजगारों को भूपेश बघेल सरकार ने बड़ा झटका दिया है, जिन्होंने कठिन फिजिकल टेस्ट पास कर पुलिस आरक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा दी थी. पुलिस मुख्यालय ने आरक्षकों के 2259 पदों पर भर्ती को निरस्त कर दिया है. बीते शनिवार को डीजीपी डीएम अवस्थी की ओर से यह आदेश जारी किया गया है. डीजीपी ने विधि विभाग के अभिमत को आधार कर भर्ती रद्द करने का आदेश दिए हैं. संभवत: छत्तीसगढ़ में ये पहला मामला है, जब पुलिस भर्ती की सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद भर्ती रद्द कर दी गई हो.
29 दिसंबर 2017 को तत्कालीन डॉ. रमन सरकार में पुलिस आरक्षक के 2259 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया गया था. इसके लिए मई-जून 2018 में जिलावार शारीरिक दक्षता परीक्षा ली गई. इसमें 1 लाख से ज्यादा आवेदक शामिल हुए. इस टेस्ट को पास कर 61 अभ्यर्थियों ने सितंबर 2018 में आरक्षक पद के लिए लिखित परीक्षा दी थी. लिखित परीक्षा के कुछ दिन बाद प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लग गई. इसके बाद से परीक्षा परिणाम का इंतजार अभ्यर्थी कर रहे थे. इसी बीच 29 सितंबर 2019 को इस भर्ती को रद्द करने का आदेश जारी कर दिया गया है.
हाई कोर्ट ने दिए थे ये निर्देश
गौरतलब है कि परीक्षा परिणाम में देरी को लेकर अभ्यर्थियों का एक समूह ने बिलासपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसके बाद 18 मार्च 2019 को हाई कोर्ट ने दो माह में रिजल्ट जारी करने कहा था, लेकिन रिजल्ट जारी नहीं होने पर 10 जून 2019 को अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी. इस बीच राजधानी रायपुर में अभ्यर्थियों के एक बड़े समूह ने लगातार विरोध प्रदर्शन भी किया. इसको लेकर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन भी सौंपा गया, लेकिन अब सरकार ने भर्ती निरस्त करने का निर्णय ले लिया है.
इसलिए भर्ती की गई निरस्त
छत्तीसगढ़ डीजीपी डीएम अवस्थी ने आरक्षक भर्ती निरस्त करने को लेकर जो आदेश जारी किया है, उसके मुताबिक 2259 पदों की भर्ती छत्तीसगढ़ पुलिस कार्यपालिक बल, आरक्षक (भर्ती तथा सेवा की शर्तें) नियम 2007 में संशोधन के संबंध में 21 फरवरी 2018 को जारी अधिसूचना के तहत की गई थी. इस संबंध में गृह विभाग ने विधि विभाग से राय मांगी थी. इसके बाद 29 जुलाई 2019 को विधि विभाग ने इसके खिलाफ राय दी थी. इससे कानूनी अड़चनें आ सकती हैं. इस आधार पर भर्ती प्रक्रिया निरस्त की गई है.