मध्य प्रदेश

सरकारी अस्पतालों में तैनात संविदा कर्मियों की कुंडली चार पॉइंट्स पर खंगालना शुरू

ग्वालियर
स्वास्थ्य महकमें में फर्जी संविदा कर्मचारियों के होने की आशंका के चलते अब इन्हें पकड़ने की तैयारी कर ली गई है। इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) ने प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में तैनात संविदा कर्मियों की कुंडली खंगालना शुरू कर दी है। मप्र एनएचएम संचालक छवि भारद्वाज ने प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों से संविदा कर्मियों की पूरी जानकारी निर्धारित फॉर्मेट में चार पॉइंट्स पर मांगी है। संविदा अधिकारी व कर्मचारियों की सर्विस बुक से लेकर जरूरी सभी दस्तावेजों का सत्यापन कर उसे एचआरएमआईएस सॉफ्टवेयर में अपलोड किया जाएगा। बताया जाता है कि इस पूरी कवायद के बाद संविदा कर्मियों का वेतन भी अब जिला स्तर से तैयार न होकर सीधे भोपाल से जारी किया जाएगा।

कुछ समय पहले दतिया जिले में रेगुलर स्वास्थ्य कर्मियों ने फर्जी दस्तावेजों के दम पर सरकारी नौकरी हथियाई थी। इनमे एक-दो नहीं बल्कि कई ऐसे कर्मचारी थे जो अवैध रूप से स्वास्थ्य विभाग में संविदा कर्मी बनकर काम कर रहें थे। सरकार द्वारा इन्हें हर माह वेतन दिया जाने लगा था। यह पूरा फर्जीवाड़ा स्वास्थ्य विभाग में की गई एक शिकायत के बाद सामने आया। जांच में अवैध कर्मियों को फौरन बेदखल कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई थी। एचआरएमआईएस सॉफ्टवेयर में डेटा अपलोड किए जाने को लेकर अब यही जांच पूरे प्रदेश में की जा रही है।

प्रदेश में करीब 19 हजार संविदा स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मचारी नियुक्त है। इनके अलावा प्रदेश के कई जिले ऐसे है जहां सपोर्ट स्टाफ के नाम पर अवैध नियुक्ति की गई है। इनका वेतन स्वास्थ्य विभाग को मिलने वाले अलग-अलग फंड के पैसों से किया जा रहा है। जबकि जिस कार्य के लिए पैसा दिया गया वह कार्य पेंडिंग हो रहे हैं। इसकी भी पड़ताल की जा रही है।

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