रायपुर
चर्चित समाज कल्याण विभाग घोटाले मामले में हाईकोर्ट की सख्ती को देखते हुए आईएएस अफसरों ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल कर दिए हैं। साथ ही मार्फत वकील आग्रह किया गया है कि अतिशीघ्र सुनवाई करें। जल्दी इसलिए चाह रहे हैं क्योंकि हाईकोर्ट ने सीबीआई को भी एक निश्चित समय सफ्ताह भर का दिया है।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचे आईएएस और पूर्व आईएएस अफसरों का कहना है कि एफआईआर दर्ज करने का आदेश देने के पहले उन्हें कोई नोटिस नहीं मिली। फिर राज्य श्रोत संगठन में वे पदेन सदस्य थे। संगठन के क्रियाकलापों में उनकी कोई भूमिका नहीं थी।अफसरों के वकील इस बात पर भी सवाल उठा रहे कि पिछली सरकार ने माना कि इस मामले में गड़बड़ी हुई है तो कोई कार्रवाई क्यों नहीं की। जिनका नाम आज लिया जा रहा है उन्हे नोटिस देकर पूछना चाहिए था कि इसमें उनकी क्या भूमिका है। नोटिस अगर दी गई होती तो अधिकारियों का पक्ष़्ा रखने का मौका मिल गया होता। राज्य में इस मामले को लेकर राजनीति ही नहीं बल्कि प्रशासनिक महकमे में भी भारी गहमागहमी है।