रायपुर
राजभाषा दिवस का असर विधानसभा में भी उस समय दिखाई पड़ा जब सदन के कार्रवाई की शुरूआत विधानसभा अध्यक्ष ने छत्तीसगढ़ी भाषा में सभी सदस्यों को बधाई दी और उनसे अनुरोध किया कि वे आज सदन में सवाल व जवाब छत्तीसगढ़ी भाषा में ही हों।
सदन में प्रतिपक्ष के नेता धरमलाल कौशिक ने कहा कि छत्तीसगढ़ी को राजभाषा दर्जा देने का काम उनकी पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने किया था ,परंतु जिस तरह से छत्तीसगढ़ी की भाषा को अपनाया जाना चाहिये था उसके अनुरूप वह नहीं हो पाया। वास्तव में भाषा बनने के बाद इसे राज्य में जिस प्रकार से लागू किया जना चाहिये वैसा कुछ नहीं हो पाया। उन्होंने कहाकि छत्तीसगढ़ी जब तक कामकाज की भाषा नहीं बनेगी उसे वह सम्मान नहीं मिल पायेगा जो एक भाषा को मिलना चाहिये।
अध्यक्ष के इस आग्रह के बाद संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि इतने वर्षों में पहली बार राज्य के लोगों को लग रहा है कि छत्तीसगढ़ छत्तीसगढि?ों का राज्य है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को राज्य बने 19 वर्ष पूरे हो चुके है, लेकिन राज्य की जनता को पिछले एक वर्ष में यह एहसास हुआ कि उनका यह अपना छत्तीसगढ़ राज्य बना है। मुख्यमंत्री के रूप में भूपेश बघेल ने जब शपथ ली तो किसानों के घरों में खुशहाली आई, करोड़ों रुपए का कर्जा माफ हुआ,2500 रुपए में धान की खरीदी हुई, छत्तीसगढ़ के तीज-त्योहार मनाने की परंपरा शुरू हुई। इन्ही सब बातों से इस राज्य के निवासियों को 19 वर्ष बाद्र कि हमारा छत्तीसगढ़ बना राज्य बना।