मध्य प्रदेश

संविधान में राज्य सरकारों के लिए भी ‘लक्ष्मण रेखा’, इसका पालन करना चाहिए – राज्यपाल लालजी टंडन

भोपाल
 मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने नागरिकता संशोधन कानून पर कहा है कि विरोध हो लेकिन संविधान की लक्ष्मणरेखा की मर्यादा के भीतर। मर्यादा से हटकर काम होगा तो संविधान ने मुझे भी अधिकार दिए हैं। कोई कानून अथवा संशोधन संसद में दो तिहाई बहुमत से पास हो गया है तो उसे स्वीकार करना राज्यों की बाध्यता है। राम वनगमन पथ, श्रीलंका में सीता माता मंदिर और गांधीजी की पुण्यतिथि पर हनुमान चालीसा पाठ के आयोजन पर उन्होंने कमलनाथ सरकार की तारीफ भी की।

राज्यपाल टंडन ने यह टिप्पणी केरल में राज्यपाल और सरकार के बीच उत्पन्ना विवाद से जुड़े एक सवाल पर की। राजभवन में प्रेस प्रकोष्ठ के शुभारंभ अवसर पर मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने कई मुद्दों पर बेबाकी से अपने विचार रखे। यह भी कहा कि राज्य में किस दल की सरकार है, इससे मुझे कोई मतलब नहीं। सरकार ठीक से काम करे इसमें मेरा सहयोग और आशीर्वाद हमेशा रहेगा, लेकिन मर्यादा से हटकर यदि कोई काम होता है तो संविधान ने मुझे कुछ अधिकार और कर्तव्य भी दिए हैं। जहां हस्तक्षेप करना चाहिए वहां मुझे किसी ने नहीं रोका।

उन्होंने कहा कि समाज और परिस्थितियां बदल रही हैं। दुनिया में हमारा देश अपनी धाक जमा रहा है, देश को बुलंदी पर देख हमारा गर्व जागृत होता है। उन्होंने लोहिया के हवाले से कहा कि जब कुव्यवस्था को सुव्यवस्था में बदला जाता है तो अव्यवस्था से गुजरना पड़ता है, मौजूदा समय में ऐसा ही हो रहा है।

 

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