मध्य प्रदेश

संघ की रीति नीति से अवगत कराने की जिम्मेदारी जिला प्रचारकों की : RSS प्रमुख मोहन भागवत

भोपाल
युवाओं का संघ के प्रति रुझान पिछले सालों में जिस तेजी से बढ़ा है और 1.32 लाख युवाओं ने आनलाइन सदस्यता भी ली है। ऐसे युवाओं को संघ में प्रवेश की पूरी जानकारी उनसे व्यक्तिगत संपर्क के द्वारा देने और संघ की रीति नीति से अवगत कराने की जिम्मेदारी जिला प्रचारकों की है। वे अपने जिले से संघ की आनलाइन मेंबरशिप लेने वाले युवाओं को शार्टलिस्ट करें और उनसे संपर्क कर संघ की शाखाओं में भी शामिल होने के लिए बुलाएं।

संघ के जिला प्रचारक की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि समाज में संघ का आईना प्रचारक ही बनकर सामने आते हैं। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ प्रांतों के जिला प्रचारकों की बैठक में ये संवाद किए गए। संघ के भैयाजी जोशी समेत अन्य पदाधिकारियों की मौजूदगी में भागवत ने कहा कि संघ के प्रति लोगों का भरोसा बढ़ा है। आनलाइन मेंबरशिपर इसका उदाहरण है। एमपी और छत्तीसगढ़ के भी हजारों युवा इसमें शामिल हैं। इसके साथ ही जो लोग सीधे तौर पर संघ से जुड़े हैं, उनको भी संघ के काम और विचारधारा से अवगत कराएं।

उन्होंने प्रचारकों से दोनों ही राज्यों में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद संघ की शाखाओं में उपस्थिति को लेकर भी फीडबैक लिया। सोमवार को राजधानी के शारदा विहार में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने दोनों ही राज्यों के जिला प्रचारकों से सीधा संवाद भी किया। जिला प्रचारकों ने उन्हें संघ को लेकर फीडबैक दिया जिस पर संघ प्रमुख ने युवा तरुणाई को संघ की राष्ट्रवाद की नीतियों के बारे में अधिक से अधिक जानकारी देने के लिए कहा है।

पांच साल बाद सीधे इस तरह का संवाद कर रहे संघ प्रमुख भागवत कल दोनों ही राज्यों के विभाग प्रचारकों से फीडबैक लेंगे। इसमें सीएए, धारा 370 को लेकर दोनों ही राज्यों के माहौल के बारे में जानकारी ली जाएगी। साथ ही संघ के आगामी कार्यक्रमों को कैसे क्रियान्वित करना है? इसके बारे में बताया जाएगा। इसके बाद 5 व 6 फरवरी को भाजपा समेत अन्य अनुषांगिक संगठनों के साथ बैठक होगी।

31 जनवरी से एमपी के दौरे पर आए भागवत कल रात में शारदा विहार पहुंचे थे। संघ प्रमुख आज यहां मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के सभी जिला प्रचारकों की बैठक ले रहे हैं। इस बैठक में संघ की जिलों में चल रही एक्टिविटीज की जानकारी लेने के साथ संघ प्रमुख ने घटती शाखाओं को लेकर जिला प्रचारकों से संवाद किए। बताया जाता है कि संघ की राष्ट्रवाद की नीतियों से अधिक से अधिक युवाओं को जोड़ने के लिए कहा गया। इस परिप्रेक्ष्य में यह भी कहा गया कि सोशल मीडिया में राष्ट्रवाद को लेकर अधिक से अधिक संवाद कराए जाएं ताकि युवा पीढ़ी भटकने से बचे।

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