भोपाल
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने स्कूल शिक्षा की व्यवस्थाओं, नवाचारों और गुणवत्ता के प्रयासों की समीक्षा करते हुए कहा कि इस बार बोर्ड परीक्षा में अच्छा रिजल्ट लाने की जिम्मेदारी जितनी बच्चों की है, उतनी ही जिम्मेदारी शिक्षकों की भी होगी। उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षा के परिणामों के लिए शिक्षक जिम्मेदार होंगे। डॉ. चौधरी ने शिक्षकों से कहा कि राज्य सरकार ने आपके हितों का पूरा ध्यान रखा है। शिक्षकों को ऑनलाइन मनचाही पोस्टिंग दी गई, सातवां वेतनमान दिया गया और स्कूलों में सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए गए। उन्होंने कहा कि अब शिक्षकों के लिए अपनी योग्यता का प्रदर्शन करने का सही समय आ गया है।
मंत्री डॉ. चौधरी ने बैठक में कक्षा 5वीं, 8वीं, 10वीं और 12वीं की परीक्षा की तैयारियों तथा प्री-वार्षिक परीक्षा और एक शाला-एक परिसर स्कीम की समीक्षा की। इस दौरान 5वीं और 8वीं की बोर्ड परीक्षा के बेहतर रिजल्ट के लिए जिलेवार लक्ष्य निर्धारित किए गए। विभागीय अधिकारियों को इन लक्ष्यों को परिणाम तक पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई। डॉ. चौधरी ने निर्देश दिए कि कक्षा एक से चौथी तक तथा कक्षा 6वीं और 7वीं के वार्षिक मूल्यांकन के लिए शिक्षक पाठ्क्रम पूरा करें। बच्चों के होमवर्क और अभ्यास पुस्तिकाओं की व्यापक स्तर पर जाँच करें। बैठक में पूर्व चयनित शालाओं द्वारा तैयार की गई कार्य योजना की गुणवत्ता और उपयोग की भी समीक्षा की गई।
बैठक में प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा मती रश्मि अरूण शमी, आयुक्त लोकशिक्षण मती जय कियावत, संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र मती आइरिन सिंथिया जेपी, अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला परियोजना समन्वयक उपस्थित थे।