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शाहीन बाग : बातचीत के बाद लौटे वार्ताकार, कहा- कल फिर आएंगे

नई दिल्ली
संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में मुख्य सड़क घेरकर पिछले 2 महीने से ज्यादा वक्त से प्रदर्शन हो रहा है। रास्ता खुलवाने की मांग को लेकर स्थानीय लोगों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट तक ने कहा कि लोगों को विरोध-प्रदर्शन का तो हक है लेकिन इस तरह लंबे वक्त तक रास्ता बंद करके नहीं। रास्ता खुलवाने के लिए रास्ता निकले, इसके लिए कोर्ट ने वार्ताकारों की टीम बनाई जो बुधवार को प्रदर्शनकारियों को समझाने के लिए गई लेकिन गतिरोध नहीं टूटा।

गतिरोध टूटा तो दिल्ली वालों के लिए बड़ी राहत
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त वार्ताकार अगर शाहीन बाग में गतिरोध तोड़ने में सफल होते हैं तो यह दिल्ली वालों के लिए बहुत बड़ी राहत की बात होगी। किसी विरोध-प्रदर्शन के दौरान कोई मुख्य सड़क कुछ घंटों के लिए भी जाम कर दी जाती है तो आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन शाहीन बाग में तो सीएए-विरोधी प्रदर्शनकारियों ने कालिंदी कुंज मुख्य मार्ग को 15 दिसंबर से ही बंद कर रखा है। इससे दिल्ली से नोएडा जाने वालों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। काम पर जाने वाले लोगों को चंद मिनटों की दूरी घंटों में तय करनी पड़ रही है। मुख्य सड़क बंद होने से स्थानीय लोगों को भी परेशानी हो रही है। सबसे ज्यादा दिक्कत स्कूली बच्चों को हो रही है और अब तो बोर्ड एग्जाम भी शुरू हो चुके हैं। इसीलिए गतिरोध टूटना दिल्ली वालों के लिए बड़ी राहत होगी।

2 घंटे तक चली बात, गुरुवार को फिर आएंगे वार्ताकार
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त वार्ताकार साधना रामचंद्रन और संजय हेगड़े ने बुधवार को शाहीनबाग में प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने उनके सामने अपनी परेशानियों को बयां किया। प्रदर्शनकारियों की तरफ से कहा गया कि उन्होंने तो सड़क को सिर्फ 150 मीटर बंद किया है, असली जाम को दिल्ली पुलिस ने किया है। पुलिस ने सड़क को 3 तरफ से बंद किया है। इस दौरान वार्ताकारों पर प्रदर्शनकारियों की तरफ से सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर सवालों की बौछार हुई। 2 घंटे तक चली बातचीत में गतिरोध नहीं टूटा। वार्ताकार अब गुरुवार को फिर से प्रदर्शनकारियों से बात करेंगे।

सबसे पहले 'दादी' से बातचीत
दोनों वार्ताकारों ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि वह यहां सबकी बात सुनने और समझने आए हैं। संजय हेगड़े ने कहा कि सबसे पहले वह बुजुर्गों की बात सुनेंगे। उन्होंने कहा कि सबसे पहले 'दादी' की और उम्रदराज लोगों की बातें तफसील से सुनेंगे। वार्ताकारों ने कहा कि उन्हें कोई जल्दी नहीं है, वह विस्तार से सबकी बात सुनेंगे और समझेंगे। उन्होंने कहा कि वे खुद कम बोलेंगे लेकिन लोगों से ज्यादा सुनेंगे।

जब दोनों वार्ताकार लौट गए तब शाहीनबाग पहुंचे तीसरे वार्ताकार हबीबुल्लाह
शाहीन बाग मे प्रदर्शनकारियों के बीच करीब 2 घंटे रहने के बाद वार्ताकार लौटते वक्त पत्रकारों से मुखातिब हुए। दोनों वार्ताकारों ने कहा कि आज सिर्फ शुरुआत हुई है और उन्होंने आज सिर्फ समझने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि वे कल (गुरुवार) फिर आएंगे, हालांकि उन्होंने समय नहीं बताया। साधना रामचंद्रन और संजय हेगड़े के लौटने के थोड़ी ही देर बाद तीसरे वार्ताकार वजाहत हबीबुल्लाह शाहीन बाग पहुंचे। वह प्रदर्शनकारियों को संबोधित कर रहे हैं।

शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों से मुलाकात के बाद वार्ताकार साधना रामचंद्रन ने कहा कि हमने आज शाहीन बाग में माताओं, बहनों और नागरिकों से पहली मुलाकात की. बहुत अच्छा लगा. आज बात तो पूरी हो नहीं पाई, आज शुरूआत ही हुई है. वो चाहते हैं कि हम कल दोबारा आए, हम कल दोबारा आएंगे.

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