मध्य प्रदेश

शहडोल ज़िला चिकित्सालय में 12 घंटे में 6 नवजात बच्चों की मौत, अस्पताल प्रशासन ख़ामोश

जबलपुर
संभाग के सबसे बड़े चिकित्सालय कुशाभाऊ ठाकरे जिला चिकित्सालय (District Hospital ) शहडोल (Shahdol) में 12 घंटे के भीतर 6 नवजात बच्चों (6 Children died) की मौत हो गयी. जिन छह बच्चों की मौत हुई है उसमें से 2 बच्चा वॉर्ड और 4 बच्चे SNCU में भर्ती थे.लगातर एक के बाद सबने दम तोड़ा. बच्चों की उम्र 7 दिन से लेकर 4 महीने तक की थी. बताया जा रहा है सभी को निमोनिया (Pneumonia) हुआ था. एक के बाद एक 6 बच्चों की मौत से हड़कंप मच गया है. इस मामले को अस्पताल प्रशासन (Hospital administration) छुपाने की कोशिश कर रहा था.वो मीडिया के सामने कुछ भी कहने से मना कर रहा है.

शहडोल ज़िला अस्पताल में 12 घंटे में एक साथ 6 बच्चों की मौत से हड़कंप मच गया है. बच्चों की मौत निमोनिया से हुई है. जिन बच्चों की खबर सामने आई है उसमें जैतपुर विकासखंड के ग्राम खरेला में रहने वाली चौथ कुमारी की मौत 13 जनवरी को सुबह 10:50 पर हुई. चैत कुमारी को उसके पिता बालक कुमार ने यहां भर्ती कराया था. SNCU में दूसरी बच्ची फूलमती सिंह पिता लाल सिंह निवासी जयसिंह नगर विकास खंड ग्राम भटगांव की थी.इसकी भी मौत 7:50 पर हुई. उसके बाद श्याम नारायण कोल ग्राम अमिलिया ने दोपहर 3:30 पर दम तोड़ा.

SNCU में जिस चौथे बच्चे की मौत हुई उसका नाम सूरज बैगा पिता संतलाल बैगा निवासी ग्राम पनिया है. इसी तरह बच्चा वार्ड में भर्ती दो अन्य बच्चों की भी मौत होने की जानकारी मिली है. इनके नाम अंजलि बैगा पिता अजूबे का निवासी बताया गया है. बच्चे की मौत का कारण निमोनिया बताया जा रहा है. जिस छठवें बच्चे ने अस्पताल में दम तोड़ा उसे शोभापुर से यहां लाकर भर्ती कराया गया था. इस बारे में जब सिविल सर्जन और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से जानकारी मांगी गयी तो उन्होंने फिलहाल खुद को किनारे कर लिया.

संभागीय जिला चिकित्सालय में इस तरह 12 घंटे के अंदर छह बच्चों की मौत ने पूरे अस्पताल प्रशासन और यहां की व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है. साथ ही यहां के स्टाफ और शासन की और से मिलने वाला बजट भी सवालों के घेरे में है.

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