नई दिल्ली
महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर देवेंद्र फडणवीस की सरकार बन सकती है. एग्जिट पोल के मुताबिक बीजेपी-शिवसेना को 166-194 सीटें मिलने का अनुमान है. जबकि कांग्रेस-एनसीपी को 72 से 90 सीटें मिल सकती हैं. शरद पवार भले ही महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर मात खाते नजर आ रहे हों लेकिन अपने गढ़ पश्चिम महाराष्ट्र को बचाने में सफल होते दिख रहे हैं. इसके पीछे माना जा रहा है कि चुनाव के बीच पवार पर ईडी की कार्रवाई बीजेपी के लिए महंगी पड़ी है.
NCP सुप्रीमो बचा लेंगे किला
पश्चिम महाराष्ट्र को चीनी बेल्ट के तौर पर पहचाना जाता है. यह इलाका एनसीपी का मजबूत गढ़ माना जाता है और शरद पवार अपने इस किले को बचाने में काफी हद तक सफल नजर आ रहे हैं. एग्जिट पोल के मुताबिक, पश्चिम महाराष्ट्र की कुल 58 विधानसभा सीटों में से बीजेपी-शिवसेना को 22 सीटें मिल रही हैं तो कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन को 29 सीटें मिलती नजर आ रही हैं. जबकि अन्य के खाते में महज सात सीटें मिलने की संभावना है.
बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में एनसीपी ने जो चार संसदीय सीटें जीती हैं, वे इसी इलाके की हैं. 2014 के चुनाव में पश्चिम महाराष्ट्र की 58 विधानसभा सीटों में से बीजेपी 20, शिवसेना 10, कांग्रेस 8, एनसीपी 17 और अन्य 4 सीटें जीतने में सफल रही थीं. इस तरह, एक लिहाज से बीजेपी और शिवसेना को इस बार झटका लगने जा रहा है. जबकि कांग्रेस और एनसीपी अपने पिछले रिकॉर्ड ही दोहराती नजर आ रही हैं. बीजेपी ने पश्चिम महाराष्ट्र में एनसीपी के राजनीतिक सफाए के लिए शरद पवार के नेताओं को अपने साथ मिलाया. कांग्रेस-एनसीपी को लगभग खाली कर दिया. कई शक्कर सम्राट एनसीपी-कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी-शिवसेना के साथ आ खड़े हुए हैं. पांच साल तक नेता विरोधी दल की भूमिका में रहे अहमदनगर के राधाकृष्ण विखे पाटिल, सोलापुर के विजयसिंह मोहिते पाटिल का परिवार, सतारा के उदयनराजे भोसले सहित कई और दिग्गजों ने बीजेपी का दामन थाम लिया था.
उल्टा पड़ा पवार पर कार्रवाई का दांव?
इस बार के चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस और एनसीपी से आए मराठा नेताओं को मैदान में उतार कर पश्चिम महाराष्ट्र में बड़ी जीत की उम्मीद लगा रखी थी. बीच चुनावी माहौल में पीएमसी बैंक घोटाला मामले में बीजेपी सरकार ने शरद पवार के खिलाफ कार्रवाई का कदम भी उठाया था, जिसे लेकर पवार ने राजनीतिक मुद्दा बना दिया था. पवार को लगता है कि इसका सियासी फायदा भी मिलता नजर आ रहा है और बीजेपी के पश्चिम महाराष्ट्र में सियासी फायदे की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है.
कांग्रेस के पूर्व सीएम सुशील कुमार शिंदे, पृथ्वीराज चव्हाण और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोराट इसी इलाके से आते हैं. पश्चिमी महाराष्ट्र के कोल्हापुर, सांगली, सतारा और पुणे में बाढ़ पीड़ितों को समय पर राहत की कमी एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है. इसके अलावा आर्थिक मंदी और उद्योगों का बंद होना बीजेपी के लिए पश्चिम महाराष्ट्र में हार की वजह बनते नजर आ रहे हैं.
क्या कहता है एग्जिट पोल?
इंडिया टुडे एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल के मुताबिक महाराष्ट्र बीजेपी-शिवसेना को 166-194 सीटें मिलने का अनुमान है. जबकि कांग्रेस-एनसीपी को 72 से 90 सीटें मिल सकती हैं. अकेले शिवसेना के खाते में 57 से 70 सीटें जा सकती हैं. जबकि बीजेपी को 109 से 124 सीटें मिल सकती हैं. कांग्रेस को 32 से 40 सीटें मिल सकती है. वहीं एनसीपी को 40 से 50 सीटें मिलने का अनुमान है. अन्य के खाते में 22 से 32 सीटें जा सकती हैं.