मध्य प्रदेश

व्यापमं महाघोटाले में अब तक 13 FIR दर्ज, आगे होगी 87 और नई FIR

भोपाल
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की शिक्षा जगत (Education world) में हुए सबसे बड़े महाघोटाले (Major Scam) में अभी तक 13 एफआईआर (FIR) दर्ज हो चुकी है. आगे भी इस घोटले में 87 एफआईआर दर्ज होना बाकी है. एसटीएफ (Special Task Force, STF) 197 शिकायतों की जांच कर रही है. इन्हीं शिकायतों की जांच के बाद FIR दर्ज की जा रही है.

संबंधित अधिकारियों ने बताया कि एसटीएफ के 20 अधिकारी और कर्मचारी की टीम वर्षों से पेंडिंग पड़ी 197 शिकायतों की जांच कर रही है. इनमें से 100 शिकायतों को चिन्हित कर एफआईआर की कार्रवाई की जा रही है. दर्ज होने वाली 100 एफआईआर में करीब 500 लोगों को आरोपी बनाया जाएगा.

सूत्रों ने बताया कि चिन्हित शिकायतों की जांच में तत्कालीन शिवराज सरकार के कई मंत्री, आईएएस और आईपीएस अफसरों के नाम सामने आए हैं. साथ ही इस जांच के दौरान पूर्व मंत्री जगदीश देवड़ा के साथ तमाम बड़े राजनेताओं और नौकरशाहों पर शिकंजा कसा जा सकता है. पीएमटी 2008 से 2011 के साथ डीमेट और प्रीपीजी में हुई गड़बड़ियों की शिकायतों में सबसे पहले एफआईआर दर्ज होगी.

एसटीएफ की टीम सिर्फ पेंडिंग शिकायतों या फिर आने वाली नई शिकायतों पर जांच करेगी. वहीं एसटीएफ के अधिकारी सीबीआई की जांच में किसी तरह का हस्ताक्षेप नहीं करेंगे. वर्ष 2015 में एसटीएफ से व्यापमं घोटाले की जांच सीबीआई ने अपने हाथ में ली थी. एसटीएफ एडीजी अशोक अवस्थी ने बताया कि तमाम पेंडिंग शिकायतों की जांच की जा रही है और शिकायत की जांच में आने वाले सबूतों के आधार पर एफआईआर दर्ज करने का सिलसिला जारी है. इस घोटाले में जो भी आरोपी बच गए थे चाहे वह कितना भी बड़ा हो, किसी को जांच के दौरान नहीं छोड़ा जाएगा. सभी पर कार्रवाई की जाएगी. वहीं एसटीएफ की जांच में तेजी आए, इसके लिए शासन को पत्र लिखा गया था कि एसटीएफ को जांच करने के लिए अधिकारी कर्मचारी बड़ी संख्या में मिल सके.

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