रायपुर
अंधश्रद्धा निर्मूलन सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. दिनेश मिश्र ने एक बयान जारी करके आज और कल शाम रायपुर में होने जा रहे एक अंधविश्वासी कार्यक्रम का विरोध किया है और उसके खिलाफ कानून में सजा के प्रावधान गिनाए हैं। यह विज्ञापन करोड़ों लोगों को तरह-तरह की बीमारियों से मुक्त करने का दावा करने वाला है और राजधानी के एक मैदान पर शनिवार और रविवार को हो रहे कार्यक्रम के लिए छपवाया गया है। इसमें अपने-आपको परम पुज्य महामंडलेश्वर ब्रह्मर्षि श्री कुमार स्वामी कहते हुए दुनिया भर में बीमारियां ठीक करने की कहानियां तस्वीरों सहित छपवाई गई है।
डॉ. दिनेश मिश्रा ने कहा है कि आज-कल में रायपुर से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों में एक विज्ञापन प्रकाशित हुआ है, जिसमें दिल्ली के एक तथाकथित बाबा कुमार स्वामी के द्वारा 2 दिनों 1 व 2 फरवरी को दुख / रोग निवारण शिविर महासमागम आयोजित करने का समाचार है साथ ही इस विज्ञापन में दुनिया भर के राजनेताओं के साथ खिंचाई गई अनेक फोटो डाली गई है। यहां तक तो फिर भी ठीक है कि कोई व्यक्ति अपनी उपलब्धियों को विज्ञापन के रूप में प्रकाशित कर आम लोगों पर अपना रुतबा जमाना, अपना प्रभाव जमाना चाह रहा है, पर साथ ही जब वह व्यक्ति अपनी शक्ति का बखान करते हुए विभिन्न गंभीर बीमारियों के ठीक करने की बात प्रचारित करता है, किडनी की पथरी ठीक करने का, सिर के आॅपरेशन, कोमा मे पड़े मरीज के ठीक करने, हार्ट के ब्लॉकेज ठीक करने, प्रमोशन करने, शादी कराने, पुत्र प्राप्ति करवाने, भयंकर फंगल रोगों से ग्रस्त हुए हजारों लोगों के स्वस्थ होने जैसी ऐसी झूठी सच्ची घटनाएं प्रकाशित की गई है जो कि भ्रामक हैं। ऐसा प्रकाशन लोगों को किसी भी धार्मिक, आध्यात्मिक कार्यक्रम में स्वेच्छा से आने भक्ति और अध्यात्म के समागम में सम्मिलित होने की बजाय उनकी शारीरिक बीमारियों को ठीक करने का प्रलोभन देकर लाने के लिए जान बूझकर किया गया है, और विश्वास जमाने के लिए राजनेताओं, फिल्म कलाकारों, और यहां तक राजनेताओं, प्रधानमंत्री, की भी फोटो का चालाकीपूर्वक उपयोग कर लिया गया है। जबकि भारत के चमत्कारिक दवा एवं उपचार अधिनियम 1954 के अनुसार 54 बीमारियों के इस प्रकार चमत्कारिक उपचार का दावा करना और उसका प्रचार करना गैरकानूनी है और इस हेतु दंड का प्रावधान है।
दिल्ली में प्रति वर्ष हजारों लोग डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों से, प्रदूषण, दुर्घटनाओं से मृत्यु के शिकार हो रहे हैं तब कोई ऐसा बाबा, सामने नहीं आता, देश के विभिन्न अस्पतालों में प्रतिदिन लाखों मरीज उपचार के लिए आते हैं वहां ऐसे बाबा कदम नहीं धरते, ताकि मरीजों का तुरंत उपचार हो सके, हजारों लोगों की भीड़ जमाकर, मजमा लगाने, और बीमारी ठीक होने की बात नौटंकी के अलावा क्या है?