छत्तीसगढ़

विकास दिखाने खेत के बीच से बनी दी सड़क, लोगों में नाराजगी

कोण्डागांव
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कोण्डागांव (Kondgaon) जिले में केवल कागजों में विकास दिख रहा है. एसा ही एक मामला है मर्दापाल से खालेमुरवेंड के बीच बने 150 किलोमीटर की सड़क का. जिला प्रशासन ने इस 150 किलोमीटर की सड़क को नव निर्मित सड़क बताते हुए बड़े ही तामझाम के साथ बाइक रैली निकाल कर इसका लोकार्पण कर दिया. पर ये सड़क आज भी अधूरी है. दरअसल, जिला प्रशासन द्वारा विकास के नाम पर मर्दापाल से खालेमुरवेंड के बीच बने 150 किलोमीटर की सड़क बनाई. मर्दापाल से भाटपाल तक करीब 40 किलोमीटर की सड़क डामरीकृत थी. पहले लोगों ने सड़क की जमकर तारीफ करते हुए जिला प्रशासन की पीठ थपथपाई. पर 40 किलोमीटर के बाद सड़क की हालत ने हकीकत खोल कर रख दी.

दरअसल, जिस सड़क को जिला प्रशासन ने नवनिर्मित बताया था उसमें से आधे से ज्यादा गांव की पुरानी सड़क है. कई जगह नदी नालों में पुल नहीं बने है. तो कहीं पर सड़क का निर्माण कार्य चल रहा था. अधूरे सड़क का लोकार्पण कर इसके जरिए गांव तक विकास पहुंचने का दावा आखरी तक जिला प्रशासन करता रहा और शासन से जुड़े नेता अधिकारी की पीठ थपथपाते रहे. हालांकि इस मामले में प्रशासनिक अधिकारियों ने कुछ भी बोलने से साफ इंकार कर दिया है.

अंदरूनी इलाके तक विकास पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन ने मर्दापाल से खालेमुरवेंड तक सड़क बनाने का दावा किया. पर नवनिर्मित सड़क की धनोरा से आगे हालत जिला प्रशासन के दावों की पोल खोलती नजर आई. इस सड़क पर सफर करने पर जंगल के बीच बने पगडंडी नुमा सड़क से होकर गुजरना पड़ रहा है. वहीं कुएमारी में जिला प्रशासन ने अपने विकास की सड़क एक ग्रामीण के खेत के बीच से ही बना दी थी. इसे लेकर किसान इस बात को लेकर परेशान है की कहीं आने वाले दिनों में उसकी खेत सड़क के भेंट न चढ़ जाए . इतना ही नहीं कुएमारी से आगे जंगल के बीच से लोगों को गुजरना पड़ रहा है क्योंकि आगे सड़क में निर्माण कार्य बदस्तूर जारी है.

मर्दापाल से खालेमुरवेंड के बीच बने डेढ़ सौ किलोमीटर की सड़क का लोकार्पण जिला प्रशासन ने बड़े ही धूमधाम से किया. इसके लिए बाइक रैली का आयोजन कर सभी विभाग के कर्मचारी अधिकारी और नागरिको को शामिल किया गया. बाइक रैली में शामिल हुए समाजसेवी हरिसिंह सिदार ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा की जिस सड़क को नवनिर्मित बताया गया था हकीकत में पुरानी सड़क में लाईनिंग कर दिया गया था. कई जगह पानी से अपनी गाडी निकालनी पड़ी.

आदिवासी समाज के अध्यक्ष बंगा राम सोढ़ी और सर्व आदिवासी समाज के सदस्य मोतीराम कुमेटी ने कहा की आधे-अधूरे सड़क को उनके आराध्य देव के नाम से लोकार्पित कर उनकी आस्था के साथ खेला जा रहा है. पहले सड़क का पूरा निर्माण कर लिया जाना था. उसके बाद ही इसे आराध्य देव के नाम से लोकार्पित करना था.

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