मध्य प्रदेश

वार्ड परिसीमन पर याचिका केस में हाईकोर्ट ने माँगा राज्य सरकार से चार हफ्ते में रिकॉर्ड

जबलपुर
नगरीय निकायों के वार्ड परिसीमन मामले पर एमपी हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को चार हफ्ते में रिकॉर्ड पेश करने कहा है। चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल एवं जस्टिस विजय कुमार शुक्ल की डिवीजन बेंच ने इस सम्बंध में दायर सभी याचिकाओं की सुनवाई एक साथ करते हुए यह आदेश दिया है। बता दें कि इंदौर नगर-निगम एमआईसी मेंबर दिलीप शर्मा सहित अन्य लोगों ने याचिकाएं दाखिल कर राज्य शासन द्वारा किए जा रहे वार्ड परिसीमन को चुनौती दी है।

याचिकाओं में आरोप है कि राज्य सरकार की ओर से सभी जिला कलेक्टर, नगर-निगम आयुक्त तथा नगर पालिकाओं को परिसीमन प्रक्रिया पूरी करने आदेशित किया गया है। आदेश के अंतर्गत प्रशासन वार्ड संख्या घटा-बढ़ा भी सकता है। सुनवाई के दौरान यह जानकारी भी कोर्ट के संज्ञान में लाई गई है कि राज्यपाल के यहां से अभी तक परिसीमन संबंधी मूल रिकॉर्ड शासन को प्राप्त नहीं हो सका है।

याचिककर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आरएन सिंह ने कोर्ट को बताया कि नियम अनुसार परिसीमन राज्य शासन नहीं बल्कि राज्यपाल के आदेश से किया जाता है। शासन की ओर से महाधिवक्ता शशांक शेखर का तर्क रहा कि राज्यपाल ने राज्य शासन को इस संबंध में शक्ति उपार्पित कर रखी है। इस संबंध में हाईकोर्ट की इंदौर व ग्वालियर खंडपीठ में दायर याचिकाएं मुख्य पीठ में क्लब कर एक साथ सुनवाई की जाएगी। मामले की अगली सुनवाई 4 फरवरी को होगी।

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