मध्य प्रदेश

वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में अब सैलानियों को देखने को नहीं मिलेगा ‘मुन्ना’ बाघ, ये है कारण

भोपाल
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) के वन विहार में सैलानियों (Tourists) के लिए कौतूहल रहे मशहूर बाघ मुन्ना यानी टी-17 के दीदार अब मुश्किल हैं. मुन्ना को सैलानियों को दिखने वाले बाड़े से हटाकर हाउसिंग में शिफ्ट कर दिया गया है. मुन्ना बाघ के पिछले पैर उठ नहीं पा रहे हैं और वो अपने पैरों पर शरीर का वजन नहीं ले पा रहा है. 16 साल की उम्र के मुन्ना के परीक्षण के दौरान उसके पैरों के मूवमेंट में कमी पाई गई है. स्वास्थ्य परीक्षण (health checkup) के दौरान बाड़े से हाउसिंग ले जाते वक्त मुन्ना अपने पैरों के बल पर चल पाने में अक्षम दिखा और अब वन विहार प्रबंधन के मुताबिक, मुन्ना का आगे भी चल पाना मुश्किल है. एक ओर उम्रदराज होने और दूसरे ओर बिल्ली प्रजाति का होने के कारण मुन्ना का ये हाल हुआ है.

मुन्ना बाघ को अक्टूबर 2019 में कान्हा टाइगर रिजर्व से भोपाल के वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में शिफ्ट किया गया था. उम्र बढ़ने के कारण चल नही पा रहे मुन्ना ने शिकार में भी कमी कर दी थी. और पालतू पशुओं का शिकार और लोगों को घायल करने जैसी घटनाओं के कारण चर्चा में आ गया था, जिसे बाद में रेसक्यू कर सुरक्षा की दृष्टि से वन विहार में शिफ्ट किया गया था. मुन्ना बाघ ने आसान शिकार के लिए और कम उम्र के बाघों से लड़ाई से बचने के लिये कोर क्षेत्र से हटकर बफर और सामान्य वन मंडल में घूमना शुरू कर दिया था.

मुन्ना बाघ के इलाज के लिए वन विहार ने उसकी नियमित देखभाल और विशेषज्ञों की राय लेना शुरू कर दिया है. वन विहार ने जबलपुर स्कूल आफ वाइल्ड लाइफ फोरेंसिक एंड हेल्थ से इस मामले में मदद मांगी है. ताकि विशेषज्ञों की राय के बाद मुन्ना का ईलाज कर उसे लंबे समये जिंदा रखा जा सके. बहरहाल वन विहार प्रबंधन का कहना है कि मुन्ना को अब रेस्क्यू सेंटर में ही रखा जाएगा. फिलहाल मुन्ना भोजन कर रहा है लेकिन उसके मूवमेंट कम होने के कारण विशेष देखरेख करना जरुरी हो गया है और इसके लिए वन विहार प्रबंधन सभी तरह के उपाय करने में जुटा है.

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