नई दिल्ली
चारा घोटाला मामले में जेल में बंद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने राजद सरकार के कार्यकाल में बिहार में जंगलराज के विरोधियों के आरोपों पर 'जल-जीवन-हरियाली' अभियान के बहाने पलटवार करते हुए पूछा कि पिछले 15 साल में किसके संरक्षण में राज्य के कुएं, आहर, नहर, पईन, पोखर और तालाबों का अतिक्रमण हुआ।
पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम लिए बगैर ट्वीट कर पूछा गया है कि जल-जीवन-हरियाली की नौटंकी करने वाला पहले यह बताए कि किसके संरक्षण में पिछले 15 वर्ष मे बिहार के कुएं, आहर, नहर, पईन, पोखर और तालाबों का अतिक्रमण कर बबार्द किया गया। जंगलों को किसने कटवाया, तटबंध का पैसा कौन चूहा खाया, कथित पौधारोपण का करोड़ों रुपये का बजट कौन भूत लूटा। इनका दोषी कौन। जल, जीवन, हरियाली की नौटंकी करने वाला पहले यह बतावें किसके संरक्षण में विगत 15 वर्ष मे बिहार के कुआं, आहार, नहर, पईन, पोखर व तालाबों का अतिक्रमण कर बर्बाद किया गया?जंगलों को किसने कटवाया? तटबंध का पैसा कौन चूहा खाया?
वहीं लालू यादवा की राजद विधानमंडल दल की नेता और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने भी ट्वीट कर 19 जनवरी को बनने वाली मानव श्रृंखला को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है और कहा है कि 'मुख्यमंत्री नीतीश जी ने शराबबंदी पर श्रृंखला की थी हमने समर्थन भी किया था। लेकिन, क्या उससे शराब बंद हुई, नहीं ना।'
राबड़ी देवी ने कहा है कि 'बाल विवाह और दहेज के खिलाफ भी करोड़ों रुपए खर्च कर मानव श्रृंखला बनाई, क्या हुआ? अब मुख्यमंत्री ने इनका जिक्र करना भी छोड़ दिया है। अब एक और श्रृंखला की नौटंकी, क्यों गरीबों का हक खा रहे हैं।' CM नीतीश जी ने शराबबंदी पर श्रृंखला की थी हमने समर्थन भी किया था। लेकिन क्या उससे शराब बंद हुई? नहीं ना? बाल विवाह और दहेज पर भी करोड़ों खर्च कर मानव शृंखला बनाई? क्या हुआ? अब सीएम ने इनका ज़िक्र करना भी छोड़ दिया है। अब एक और श्रृंखला की नौटंकी? क्यों ग़रीबों का हक़ खा रहे है?
गौरतलब है कि जलवायु परिवर्तन के आसन्न खतरों से निपटने के लिए बिहार में शुरू किए गए जल-जीवन-हरियाली अभियान पर अगले तीन वर्ष में 245०० करोड़ रुपए खर्च कर तालाब, पोखर, आहर, पईन का जीणोर्द्धार करने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है। रिमोट सेंसिंग के जरिए अब तक एक लाख 43293 तालाब और 313230 कुएं की पहचान की गई है और उनमें से 8० प्रतिशत का निरीक्षण कर जहां-जहां अतिक्रमण हैं उसे मुक्त करने की कार्रवाई की जा रही है। वहीं, जल-जीवन-हरियाली अभियान के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से पूरे बिहार में इस वर्ष 19 जनवरी को 16 हजार किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाई जा रही है, जिसमें चार करोड़ से अधिक लोगों के शामिल होने की उम्मीद है।