लखनऊ
उत्तर प्रदेश में आज सोमवार से राजधानी लखनऊ और नोएडा में कमिश्नरी सिस्टम लागू हो गया है. कमिश्नरी सिस्टम के तहत पुलिस कमिश्नर के अंडर में 56 अफसरों की फौज होगी जिनके ऊपर जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने का जिम्मा होगा. आलोक सिंह नोएडा के तो सुजीत पांडेय लखनऊ के पहले कमिश्नर होंगे.
प्रदेश के 2 जिलों (लखनऊ और नोएडा) में कमिश्नरी सिस्टम लागू किए जाने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में कमिश्नरी सिस्टम उन जिलों में लागू किया जाना चाहिए जहां पर आबादी 10 लाख से ज्यादा हो. लखनऊ में 29 लाख तो नोएडा जिले की आबादी 25 लाख के करीब है.
कमिश्नरी सिस्टम लागू होने के बाद इन 2 जिलों में पुलिस प्रशासन की व्यवस्था बदल जाएगी. अब तक हर जिले में सीनियर एसपी (एसएसपी) ही पुलिस विभाग के हेड हुआ करते थे, लेकिन अब सिस्टम बदल जाएगा. सीनियर स्तर के अधिकार यानी एडीजी (ADG) को कमिश्नर नियुक्त किया जाएगा.
2 अतिरिक्त पुलिस आयुक्त
पुलिस कमिश्नर के साथ 2 अतिरिक्त पुलिस आयुक्त होंगे यानी आईजी रैंक के अफसर होंगे. पुलिस कमिश्नर के अंडर में 56 अफसरों की फौज होगी. इन सभी अफसरों के काम-काज का बंटवारा किया जाएगा.
2 अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के अलावा 9 एसपी रैंक के भी अधिकारी तैनात किए जाएंगे. इस नए सिस्टम के तहत एक महिला एसपी रैंक की अधिकारी महिला सुरक्षा के लिए तैनात की जाएगी. साथ ही एसपी एडिशनल कमिश्नर एसपी रैंक का अधिकारी यातायात के लिए विशेष रूप से तैनात होगा.
कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर तरह के काम पर नजर बनाए रखने को लेकर एसपी स्तर के अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे. इस सिस्टम में निर्भया फंड का इस्तेमाल भी महिला सुरक्षा के लिए होगा.
पुलिस कमिश्नर के पास 15 अतिरिक्त अधिकार होंगे. कानून-व्यवस्था देखने का काम जो अब तक जिलाधिकारी देखा करते थे अब यह पुलिस कमिश्नर के अधिकार क्षेत्र में आ जाएगा. इनके पास कुछ मजेस्ट्रेटियल अधिकार भी आ जाएंगे.