रोजमर्रा की लाइफ में ऐसे दूर भगाएं स्ट्रेस

मेंटल हेल्थ से जुड़ी दो दिक्कतें आजकल आम हो गई हैं। खासतौर से यंग जनरेशन में इस तरह की समस्याएं बहुत अधिक देखने को मिल रही हैं। इन समस्याओं का नाम है, स्ट्रेस और एंग्जाइटी। अगर आपका मन आपके काम में नहीं लग रहा है, आप हर समय खुद को थका हुआ महसूस कर रहे हैं और दिमाग में हर समय कुछ ना कुछ विचार चलता रहता है तो जरूरी है कि आप अपनी मानसिक सेहत का ध्यान रखें। ताकि काम और सेहत दोनों की क्वालिटी बनी रहे।

दिमाग अपनी जगह पर रहेगा और सही तरह से काम करेगा तभी हम भी अच्छा परफॉर्म कर सकते हैं…यह तो हम सभी जानते हैं। लेकिन परेशानी की बात यह है कि जानते हुए भी हम इस बात को लाइफ में अप्लाई नहीं कर पाते हैं। मेंटल हेल्थ अगर ठीक ना हो तो फिर घर का काम हो या ऑफिस का, बात पर्सनल रिलेशन की हो या सोशल रिलेशन की… कहीं भी अपने आपको सही तरीके से प्रजेंट कर पाना मुश्किल होता है। यहां जानें कि अपनी रोजमर्रा की लाइफ में आप किस तरह स्ट्रेस और एंग्जाइटी को मैनेज कर सकते हैं…

तुरंत राहत देता है यह तरीका
जब भी कभी आपको लगे कि तनाव आपके दिमाग पर हावी हो रहा है तो गहरी सांसे लेना शुरू कर दें। आप लंबी सांस लें और फिर धीरे-धीरे उसे छोड़ें। इस प्रक्रिया के दौरान सांस भरते वक्त पेट बाहर की तरफ आना चाहिए और सांस छोड़ते वक्त अंदर कीतरफ जाना चाहिए। इस प्रॉसेस से तनाव को कम करने में तुरंत मदद मिलती है

स्ट्रेस दूर होने लगता है
गहरी सांस लेने से हमारे ब्रेन की नर्व्स रिलैक्स फील करती हैं। ऐसा लंबी सांसों के कारण हमारी बॉडी में बढ़े हुए ऑक्सीजन लेवल की वजह से होता है। जब हमारे ब्रेन की नर्व्स रिलैक्स फील करती हैं तो हमारे सिर में हल्कापन महसूस होता है और हमारा स्ट्रेस दूर होने लगता है। इससे हम पहले की तुलना में कहीं अधिक एनर्जेटिक फील करते हैं।

फेफड़ों को भी मजबूत करती है गहरी सांस
गहरी सांस यानी डीप ब्रीदिंग से हमारे पूरे शरीर में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ता है, साथ ही हमारे लंग्स भी मजबूत बनते हैं। हमारे शरीर का श्वास तंत्र ठीक से काम करता है और फेफड़ों में भरपूर ऑक्सीजन पहुंचने के कारण मसल्स मजबूत होते हैं। ब्लड में ऑक्सीजन लेवल बढ़ने से ब्लड फ्लो सही बना रहता है, जिससे हार्ट पर बहुत ज्यादा दबाव नहीं पड़ता है।

स्ट्रेस डील करने में मिलती है मदद
बॉडी में ब्लड फ्लो सही बने रहने से भी हमारे मन और शरीर पर तनाव हावी नहीं हो पाता है। क्योंकि ब्लड में मौजूद ऑक्सीजन हमें ऊर्जा देती रहती है। हमारा हार्ट फ्लो मेंटेन रखते हुए काम कर पाता है। ऐसे में स्ट्रेस देनेवाली स्थितियों को हम आसानी से डील कर पाते हैं।

मौसम के हिसाब से लें डायट
हमारी जनरेशन के साथ हो रही बहुत-सी समस्याओं में एक समस्या यह भी है कि हमारे पास हर सीजन में हर सब्जी उपलब्ध है। यह बात जितनी खुशी की है उतनी ही नुकसानदायक भी। क्योंकि प्राकृतिक रूप से सब्जियां और फल मौसम और उस मौसम में हमारे शरीर की जरूरत के हिसाब से उगा करते थे। लेकिन खेती के बदले स्वरूप के कारण हम हर सीजन में हर सब्जी और फल खाने लगे हैं, जो अपनी कम गुणवत्ता और विपरीत तासीर के कारण हमारे शरीर को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

गैर जरूरी तनाव नहीं होगा हावी
उदाहरण के लिए हम पालक की बात करते हैं, प्राकृतिक तौर पर और गुणों के लिहाज से पालक सर्दियों की सब्जी है। क्योंकि पालक की तासीर गर्म होती है और पालक सर्दी में होनेवाली कई बीमारियों जैसे धूप ना मिलने के कारण विटमिन्स और आयरन की कमी, ठंड के कारण ब्लड प्रेशर लो होना जैसी दिक्कतों से हमें बचाता है। लेकिन गर्मी के मौसम में भी हम जमकर पालक पनीर जैसी रेसिपीज इंजॉय करते हैं। ऐसे में बेवक्त और बेमौसम का खाना शरीर को परेशान तो करेगा ही! इसलिए फूड को लेकर अपनी नॉलेज बढ़ाएं।

ये ऐक्टिविटी हैं जरूरी
हमारे शरीर की संरचना इस तरह की है, जो हमें बैठे रहने या एक जगह पर स्थिर रहने की इजाजत नहीं देती है। हमारा शरीर शारीरिक श्रम के लिहाज से बना है। हम जितनी मेहनत करते हैं, हमारा शरीर उतना ही मजबूत बनता है और हम उतने ही अधिक सेहतमंद रहते हैं। लेकिन हमारी प्रजेंट लाइफस्टाइल ऐसी हो चुकी है, जिसमें या तो हम कई-कई घंटे लगातार बैठकर काम करते हैं या फिर कई घंटों तक खड़े रहते हैं। ऐसा करने से हमारे शरीर की कुछ खास मसल्स पर दबाव पड़ता है और बाकी शरीर स्थिर अवस्था में रहता है।

इस तरह खोलें अपने लंग्स
लंबे वक्त तक खड़े रहने या बैठे रहने से हमारे शरीर में कई तरह की बीमारियां पनपने लगती हैं। तनाव और चिंता भी इन्हीं में शामिल हैं। जब शरीर ऐक्टिव नहीं रहता है तो ब्लड फ्लो, ऑक्सीजन लेवल, हॉर्मोनल लेवल और पाचन क्रिया सभी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसे में जरूरी है कि मानसिक चिंता और तनाव के साथ ही इन सभी बीमारियों से बचने के लिए हर रोज कम से कम 30 मिनट तक एक्सर्साइज, वॉक या रनिंग जरूर करें। इससे लंग्स खुलेंगे और तनाव से राहत मिलेगी।

हेल्दी लाइफस्टाइल है जरूरी
सेहतमंद रहने के लिए जरूरी है कि हम हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करें। समय से सोना, समय से जागना, एक्सर्साइज और मेंटल पीस के लिए प्राणायाम करना। हमें सेहतमंद रखने में बहुत मदद करता है। अगर आप ज्यादातर क्रॉनिक डिजीज से दूर रहना चाहते हैं तो जरूरी है कि स्मोकिंग, ड्रिंकिंग, बहुत अधिक फास्ट फूड भरी डायट और हर मील में नॉनवेज लेना बंद कर दें। क्योंकि यही सब कारण हमें बीमार बनाने का काम करते हैं।

मोबाइल एक माध्यम है, जिंदगी नहीं
बहुत शुगर और बहुत अधिक सॉल्ट से भरा भोजन ना करें। यह शारीरिक के साथ ही मानसिक सेहत बिगाड़नेवाला साबित होता है। अधिक शुगर जहां डायबीटीज की तरफ हमें धकेलती है वहीं अधिक सॉल्ट हाई बीपी का मरीज बना सकता है। इसके साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि अपने मोबाइल पर बहुत अधिक समय व्यस्त ना रहें। तेजी से बढ़ती मानसिक बीमारियों की एक बड़ी वजह दिन में कई घंटे मोबाइल पर व्यस्त रहना भी। मोबाइल हमें शारीरिक रूप से आलसी और मानसिक रूप से थकाऊ बना देता है।

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