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रेवेन्यू का टारगेट हासिल कर लेगी सरकार: रेवेन्यू सेक्रेटरी

नई दिल्ली
रेवेन्यू सेक्रेटरी अजय भूषण पांडे ने कहा है कि कॉर्पोरेट टैक्स के रेट में बड़ी कटौती किए जाने के बावजूद सरकार टैक्स का टारगेट हासिल कर लेगी। उन्होंने बताया कि अगर पर्सनल इनकम टैक्स के रेट में कटौती की जाती है तो वह रेवेन्यू और बजट पर पड़ने वाले असर के हिसाब से तय होगी। उन्होंने इन आलोचनाओं को साफ तौर पर खारिज कर दिया कि मौजूदा इकनॉमिक स्लोडाउन की वजह गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स रही है। यह सबके फायदे वाली व्यवस्था है, इससे हर कमोडिटी पर लगने वाले टैक्स में कमी आई है। उन्होंने कहा कि रेवेन्यू मोबिलाइजेशन कमेटी अपनी कार्ययोजना को जीएसटी काउंसिल के पास जल्द ले जाएगी।

पांडे ने ईटी को दिए इंटरव्यू में कहा, 'अगर जीएसटी में कोई अंदरूनी दिक्कत होती तो इसे लागू किए जाने के बाद शुरुआती दो वर्षों में अच्छी-खासी ग्रोथ कैसे हुई? जीएसटी के शुरुआती दो साल में टैक्स के रेट भी घटाए गए थे। टैक्स रेट में कटौती एक लाख करोड़ रुपये सालाना के बराबर थी। इसलिए अगर कोई कहता है कि मौजूदा स्लोडाउन की वजह GST रही है तो यह सही नहीं होगा।' प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय ने हाल ही में कहा था कि मौजूदा इकनॉमिक स्लोडाउन की एक बड़ी वजह GST रही है।
रेवेन्यू सेक्रेटरी ने कहा कि पहले कारोबारियों को कई तरह का टैक्स देना पड़ता था और कई अथॉरिटीज से संपर्क करना पड़ता था। उन्होंने कहा, 'पहले लगभग 495 फॉर्म थे। GST में रजिस्ट्रेशन से लेकर रिटर्न फाइलिंग और रिफंड तक फॉर्म की कुल संख्या 14-15 रह गई है। अब कोई चेक पोस्ट नहीं है, कोई गेट पास नहीं है और स्टॉक वेरिफाई करने वाला इंस्पेक्टर भी नहीं है।' उन्होंने कहा कि सरकार सुधार को लेकर काफी सक्रिय है और इससे संबंधित सुझावों पर विचार करने के लिए तैयार है।

पांडे ने कहा, 'अगर कोई गंभीरता से शोध करता है और कुछ ठोस जानकारी निकालता है तो उस पर विचार किया जा सकता है। लेकिन ऐसी सामग्री नहीं होने पर पिछले दो साल के ब्योरे और प्रदर्शन के हिसाब से यह कहना सही नहीं होगा कि GST स्लोडाउन का सबब बना है या इसके चलते रेवेन्यू कलेक्शन में कमी आई है।' रेट को वाजिब लेवल पर लाए जाने या स्लैब में फेरबदल के बाबत पूछे गए सवाल के जवाब में पांडे ने कहा कि इसके लिए राज्यों और केंद्र के रेवेन्यू और बजट को ध्यान में रखना होगा और व्यवस्था में साम्य बनाए रखना होगा।

रेवेन्यू सेक्रेटरी ने कहा, 'इसके लिए सोच विचार कर कदम उठाने की जरूरत है क्योंकि केंद्र या राज्यों को प्रभावित करने वाले बदलाव को अचानक लागू करना प्रतिगामी कदम साबित हो सकता है। इसलिए रेवेन्यू कलेक्शन, रेवेन्यू रिक्वायरमेंट और रेशनलाइजेशन की जरूरत के हिसाब से संतुलित रुख अपनाना होगा।' उन्होंने कहा कि GST की समीक्षा की जरूरत को देखते हुए रेवेन्यू मोबिलाइजेशन कमेटी बनाई गई है।

पेट्रोलियम और बिजली को जीएसटी के दायरे में लाए जाने के बाबत पांडे ने कहा कि ये बड़े आइटम हैं और इनको लेकर राज्यों के साथ व्यापक विचार विमर्श करना होगा और देखना होगा कि इससे उनका रेवेन्यू किस तरह प्रभावित हो सकता है। पर्सनल इनकम टैक्स के बारे में पूछे जाने पर पांडे ने कहा कि कॉर्पोरेट टैक्स रिफॉर्म्स और पिछले दो साल में जीएसटी के तहत किए गए टैक्स रेट में कमी के रेवेन्यू और बजट पर असर की समीक्षा के बाद ही इसके बारे में कुछ कहा जा सकता है।

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