राष्ट्रीय सेवा योजना: एक अनवरत यात्रा शून्य से अनंत तक
भोपाल. भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय सेवा योजना महात्मा गांधी के जन्म शताब्दी वर्ष 24 सितंबर 1969 को इस उद्देश्य के साथ शुरू की गई कि राष्ट्र के युवाओं में नवचेतना, अनुशासन, सामाजिक उन्थान की भावना विकसित हो सके। आज राष्ट्रीय सेवा योजना की यात्रा के 51 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इस यात्रा के दौरान रासेयो ने स्वंय सेवकों को जीवन जीने के लिए एक उद्देश्य दिया कि ‘समाज सेवा के माध्यम से अपने व्यक्तित्व का विकास करें।
जो उनकी आंखों में लक्ष्य देती है ‘वह समाज के लिए उठे’, जो सामाजिक समरसता के साथ मैं नहीं आप के भाव को प्रेसित करती है और वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा को चरितार्थ करती है। रासेयो एक ऐसी जीवनशैली का निर्माण करती है, जो गति और निरंतरता के साथ सामाजिक बदलाव के लिए सदैव कार्यरत रहे।
इस 51 वर्षों की यात्रा के अवसर पर उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा ‘ओपन माईकÓ का आयोजन किया गया। इसमें ‘राष्ट्रीय सेवा योजना शून्य से अनंत तक के सफरÓ को कविता, भाषण, लघु कथा (रासेयो में कोई यादगार अनुभव), परिचर्चा जिसका विषय राष्ट्रीय सेवा योजना एक अदभुत जीवनशैली रहा आदि गतिविधियां की गई।
कार्यक्रम का शुभारंभ कार्यक्रम अधिकारी, डॉ. इंदिरा बर्मन एवं गोविन्द राय के सम्बोधन के साथ किया गया। इसके बाद स्वंय सेवकों ने दिए गए विषय पर अपने विचार प्रकट किए। कार्यक्रम में लगभग 80 स्वंयसेवकों ने सहभागिता की।