नई दिल्ली
क्या अयोध्या में राम मंदिर के लिए ट्रस्ट बनाने में अड़चनें आ रही हैं? क्यों सरकार इसके गठन से पहले इतनी सतर्कता बरत रही है? ये सवाल तब उठे जब दो महीने बीत जाने के बाद भी अब तक इसका गठन नहीं हो पाया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार 9 फरवरी से पहले ट्रस्ट का गठन होना है। हालांकि, पीएमओ सूत्रों के अनुसार इसमें किसी तरह का विवाद या तकनीकी अड़चन नहीं है और अब किसी भी वक्त ट्रस्ट गठन के बारे में अधिसूचना जारी हो सकती है।
सूत्रों के अनुसार, इसके लिए शुभ मुहूर्त का इंतजार भी किया जा रहा है। यह भी दावा किया गया कि सारे होम वर्क कर लिए गए हैं और इसी हफ्ते अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। अब तक तय सहमति के अनुसार ट्रस्ट में कोई राजनीतिक व्यक्ति शामिल नहीं रहेगा। साथ ही ट्रस्ट के लिए सरकार अलग से कोई फंड नहीं देगी और इसे आम लोगों के योगदान से ही बनाया जाएगा।
बात इतनी भी आसान नहीं
लेकिन बात इतनी सहज भी नहीं है जितना दावा किया जा रहा है। दरअसल पिछले साल 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट की ओर से राम मंदिर पर दिए बड़े फैसले के बाद से ही इसके लिए प्रस्तावित ट्रस्ट का हिस्सा बनाने के लिए दावे-प्रतिदावे होने लगे। विश्व हिंदू परिषद से लेकिर दूसरे संगठनों ने इसमें अपने दावे किए। राम मंदिर के लिए पहले से ही ट्रस्ट बना हुआ था। उनके भी दावे थे कि उसे ही बरकरार रहने दिया जाए।
कुल मिलाकर ट्रस्ट में सभी की हिस्सेदारी का संतुलन सबसे अहम हो गया। सूत्रों के अनुसार ट्रस्ट के साथ ही मुस्लिम पक्षों को जमीन कहां देनी है, इसके लिए भी फैसला होगा। अधिकारियों ने बताया कि यूपी सरकार ने कुछ विकल्पों पर विचार भी किया है। सरकारी सूत्रों के अनुसार इस ट्रस्ट में नेता शायद ही शामिल हों।
अपने-अपने दावे
दरअसल, ट्रस्ट की बात जैसे ही सामने आई, उसके बाद से ही इसमें प्रतिनिधित्व को लेकर दावे सबसे बड़ी अड़चन बन कर सामने आई। उत्तर प्रदेश से लेकर दिल्ली तक राजनेताओं की ओर से परोक्ष दावे किए गए। उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और वहां पिछड़ों के कद्दावर नेता माने जाने वाले कल्याण सिंह का भी दावा सामने आया। इसके अलावा कुछ पुराने नेताओं को भी इसमें शामिल करने की मांग उठी।
इसके बाद सरकार ने ऐलान कर दिया कि इसमें नेताओं को शामिल नहीं जाएगा। कहा गया कि मंदिर निर्माण में शामिल होने वाले सभी संबंधित मंत्रालय के अधिकारियों को इसमें जगह दी जा सकती है। इसके अलावा समाज के दो सर्वमान्य नामों को भी इस ट्रस्ट में जगह देने पर विचार किया जा रहा है। सरकारी अधिकारियों ने कहा कि इसमें समाज के दो बहुत प्रतिष्ठित चेहरे को भी शामिल किया जा सकता है।