भोपाल
राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने सागर में डॉ. हरिसिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय में आयोजित समारोह में राहतगढ़ तहसील के 34 पटवारियों को ई-बस्ता (लैपटॉप) वितरित किये। उन्होंने कहा कि पटवारी प्रशासन का वो चहरा होता है, जिसके आचार-विचार एवं व्यवहार के कारण शासन की छवि आम जनता तक पहुँचती है। राजपूत ने कहा कि वास्तव में पटवारी राजस्व की दृष्टि से शासन और जनता के बीच सेतु के रूप में काम करता है।
मंत्री राजपूत ने कहा कि राजस्व विभाग अब नई तकनीक के साथ अपने काम को एक्यूरेसी के साथ पूरा कर रहा है। ई-बस्ता वितरण भी इस दिशा में एक कड़ी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भारत सरकार के सर्वे ऑफ इंडिया के साथ एमओयू साइन किया है, जिसमें सीमांकन अब ड्रोन एवं ट्रेकिंग मशीन से एक्यूरेसी के साथ साल भर किया जा सकेगा। राजपूत ने कहा कि अभी तक सीमांकन कराने में अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सीमांकन वर्ष भर में एक निश्चित अवधि में ही संभव हो पाता है। उन्होंने कहा कि अब पोर्टल एम.पी. ऑनलाइन के सहयोग से खसरा, बी-वन, नक्शा और अन्य राजस्व रिकार्ड घर बैठे ऑनलाइन प्राप्त किये जा सकेंगे।
राजस्व एवं परिवहन मंत्री ने बताया कि वर्षों से लंबित राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिये राज्य सरकार ने राजस्व लोक अदालतों के माध्यम से लगभग डेढ़ लाख प्रकरणों का निराकरण किया है। उन्होंने बताया कि 19 फरवरी को लोक अदालतों को अगला चरण प्रारंभ होगा।
इस अवसर पर आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त ज्ञानेश्वर पाटिल ने कहा कि सागर से मध्यप्रदेश में स्मार्ट पटवारी बनाने की शुरूआत की गई है। लैपटॉप प्राप्त पटवारियों से उन्होंने कहा कि वे अपने कार्य को पूरी ईमानदारी के साथ इस प्रकार पूरा करें। प्रदेश के अन्य 20 हजार पटवारियों के सामने मील का पत्थर साबित हों।