भोपाल
राजधानी भोपाल में देश का पहला इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट (ई-वेस्ट) क्लीनिक बनेगा| सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) और नगर निगम के बीच इस पर सहमति बन गई है। जिसके तहत शहर से निकलने वाले ई-वेस्ट का वैज्ञानिक निष्पादन होगा। इसके एकत्रीकरण से लेकर लोगों में जागरूकता के लिए निगम सहयोग करेगा।
शुक्रवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नई दिल्ली के दल में डायरेक्टर विनोद कुमार, एडिशनल डायरेक्टर आनंद कुमार ने तकनीकी जानकारियां लेते हुए नगर निगम के ट्रांसफर स्टेशन सहित मटेरियल रिकवरी सेंटर और भानपुर खंती स्थित प्लास्टिक रिकवरी सेंटर का जायजा लिया। इसके बाद यह दल नगर निगम आयुक्त विजय दत्ता से मिलने निगम कार्यालय पहुंचा, जहां निगम अधिकारियों के साथ चर्चा हुई। सीपीसीबी अधिकारियों ने कहा कि हम देश का पहला ई-वेस्ट क्लीनिक भोपाल में खोलने जा रहे हैं। यह प्रोजेक्ट अपशिष्ट प्रबंधन नीति 2016 के तहत होगा। सीपीसीबी अधिकारियों ने बताया कि पहले तीन महीने इस पूरे प्रोजेक्ट पर पायलट प्रोजेक्ट की तर्ज पर काम किया जाएगा। इसके बाद पूरे देश में इसी तरह के क्लीनिक खोले जाएंगे।
नगर निगम आयुक्त बी विजय दत्ता ने बताया कि इस क्लीनिक पर ई- वेस्ट यानी कम्प्यूटर से लेकर मोबाइल और चार्जर तक की प्रोसेसिंग की जाएगी। जिस ई- वेस्ट की प्रोसेसिंग संभव नहीं होगी उसका उपयोग ‘कबाड़ से जुगाड़’ में किया जाएगा और कलाकृति आदि बनाई जाएगी। ई- वेस्ट क्लीनिक संचालित करने वाला भोपाल देश में पहला नगर निगम होगा। तीन महीने तक पायलट प्रोजेक्ट के तहत ट्रायल किया जाएगा। आयुक्त दत्ता ने बताया कि निगम इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने वाली कंपनियों के साथ एमओयू करेगा। इस एमओयू के तहत निगम ई- वेस्ट कलेक्ट करेगा और यह कंपनियां अपने प्रोडक्ट की प्रोसेसिंग इस क्लीनिक पर करेंगी।
निगम आयुक्त ने बताया कि कचरा वाहनों से भी ई-वेस्ट का कलेक्शन होगा। फिर इसे एक सेंटर पर लाया जाएगा। वर्तमान में ई-वेस्ट या तो सामान्य कचरे के साथ फेंक दिया जाता है या फिर कबाड़ी वाले सस्ते दामों पर लेते हैं। लेकिन ई-वेस्ट का वैज्ञानिक विधि से निष्पादन नहीं किया जाता। जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। क्लीनिक से निकलने वाला प्लास्टिक भी रीसाइकिल होगा, जो मटेरियल किसी काम का नहीं होगा उसका उपयोग सजावट आदि की सामग्री बनाने में होगा।