मेरठ
कमजोर कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अब किसानों का दुख बांटकर वोटों की फसल काटने की तैयारी में है। 'किसान संग कांग्रेस' नारा देकर उसके 25 हजार वर्करों की फौज मैदान में उतर गई है। 40 दिन के किसान साधो अभियान में करीब 55 लाख किसान परिवारों से संपर्क कर उनका समर्थन हासिल कर बीजेपी को घेरने की रणनीति है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रभारी प्रशासन सिद्धार्थप्रिय श्रीवास्तव की तरफ से वेस्ट यूपी के सभी जिलों के मुख्य कांग्रेसियों के पास किसान जनजागरण अभियान संचालित करने का पत्र भेजा गया है। अभियान का विधिवत ऐलान हर जिले में सीनियर कांग्रेसी, पूर्व मंत्री, सांसद, विधायक ने पत्रकार वार्ता में किया। 10-10 किसानों के घरों पर जाकर उनकी पीड़ा भी जानी।
रणनीति के मुताबिक कांग्रेस यूपी में पांच चरणों में 40 दिनों तक किसान जन जागरण अभियान चलाएगी। हर दिन एक ब्लॉक पर करीब 300 किसान परिवारों से मांगपत्र भरवाए जाएंगे। इसके लिए हर ब्लॉक पर 9 फरवरी को कम से कम 25 वर्करों की मीटिंग कर हर दिन पीड़ित किसानों के बीच जाकर किसान मांग पत्र भरने का काम करेंगे। यह काम 16 फरवरी तक चलेगा।
किसान की बात, किसान के द्वार वाली इस मुहिम का संदेश देने के लिए 17 से 23 फरवरी तक गांव-गांव में किसानों की चौखट पर कांग्रेसी दस्तक देंगे। हर ब्लॉक पर हर दिन दो-दो नुक्कड़ सभाएं कर सरकार को किसान विरोधी ठहराने की कोशिश करेंगे। करीब 12 हजार नुक्कड़ सभाएं करने का प्लान है। 55 लाख किसान परिवारों से संपर्क के साथ यूपी के 2 करोड़ 71 लाख 26 हजार लोगों से सीधा संवाद कांग्रेसी करेंगे।
किसान मांग पत्र में ‘किसान मांग रहा है’ और ‘किसान की बात’ के नाम वाले फॉर्म भरवाए जाएंगे। 25 फरवरी को स्थानीय विधायक को किसानों का मांग पत्र कांग्रेसी सौंपेंगे। 28 को ‘सरकार जगाओ-किसान बचाओ’ के नारे के साथ क्षेत्रीय सांसद को ज्ञापन देंगे। 3 मार्च को तहसील दिवस पर किसानों की समस्याओं को लेकर हर तहसील में बड़ा प्रदर्शन होगा। 6 मार्च को डीएम दफ्तर पर जोशीला प्रदर्शन कर किसानों के हक की आवाज बुलंद की जाएगी। इसके अलावा लखनऊ में एक बड़ा किसान आक्रोश मार्च निकालकर धरना देकर सरकार को जगाया जाएगा।