यहां मिली भगवान विष्णु के वराह और नरसिंह अवतार की दुर्लभ मूर्तियां

द्वाराहाट (अल्मोड़ा)
उत्तराखंड के अल्मोड़ा में सूरे गांव के एक नौले के सर्वेक्षण के दौरान एक मंदिर में भगवान विष्णु की दो दुर्लभ मूर्तियां मिली हैं। यह मूर्तियां विष्णु के वराह और नरसिंह अवतार की बताई जा रही हैं।

दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मोहन चंद्र तिवारी ने सूरे में यह सर्वेक्षण किया है। उन्होंने बताया कि दो अवतारों वाली विष्णु की ऐसी मूर्तियां भारत के किसी अन्य मंदिर में देखने में नहीं आई हैं।

उन्होंने बताया कि  विष्णु के दो अवतारों से संबंधित ये मूर्तियां दुर्लभ हैं। इनमें से एक विष्णु की खड़ी प्रतिमा है जिसके दाईं ओर सिंह की और बाईं ओर वराह की मुखाकृति उकेरी गई है।

मंदिर के दूसरे कोने में प्राचीन प्रस्तर खंड में एक साथ बैठी हुई मुद्रा में तीन देव प्रतिमाएं उकेरी गई हैं। डॉ. तिवारी का दावा है कि भगवान विष्णु के दो अवतारों वाली ऐसी विष्णुमूर्ति भारत के किसी अन्य मंदिर में नहीं है।

स्थानीय लोगों को इन मूर्तियों के संबंध में विशेष जानकारी नहीं है।  मंदिर के बारे में सूरे ग्राम निवासी परमानंद पांडे ने बताया कि तीन वर्ष पूर्व इस नौले के जीर्णोद्धार के वक्त ग्रामीणों ने यहां शिवजी के मंदिर का निर्माण किया था।

तब राधेश्याम तिवारी के पुत्र महेश चंद ने मंदिर में शिव और पार्वती की मूर्तियां स्थापित की थीं। उसी दौरान यहां नौले के निकट विद्यमान दो प्राचीन मूर्तियों को भी शिव और पार्वती के अगल-बगल स्थापित किया गया था। जोयूं ग्राम निवासी और सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक दयाकृष्ण तिवारी के अनुसार ये प्राचीन मूर्तियां नीचे सुरेग्वेल के मंदिर से लाई गई मूर्तियां हो सकती हैं।

सुरेग्वेल के पुरातात्विक सर्वेक्षण के दौरान इसके प्राचीन ऐतिहासिक अवशेषों की पहचान कत्यूरी काल के मंदिरों और उसकी स्थापत्य शैली से हुई है। सुरेग्वेल के इस अति भव्य प्राचीन मंदिर का आज अस्तित्व में नहीं रहे।
 
लेकिन इस स्थान पर विद्यमान नागरी शैली के मंदिर स्थापत्य के खंडित अवशेष बताते हैं कि यहां पुरा काल में कत्यूरी शैली के देवालयों और मन्याओं (यात्री विश्रामालयों) का निर्माण किया गया था।

 

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