नई दिल्ली
आने वाले वक्त में चेन्नई स्थित मुरुगप्पा ग्रुप का इतिहास बदल सकता है. दरअसल, ग्रुप की 120 साल के इतिहास में पहली बार है जब होल्डिंग कंपनी की बोर्ड में एंट्री के लिए महिला संघर्ष कर रही है. ये महिला कोई और नहीं, बल्कि मुरुगप्पा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन और संरक्षक एमवी मुरुगप्पन की बेटी वल्ली अरुणाचलम हैं.
क्या है मामला?
साल 2017 में मुरुगप्पा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन एमवी मुरुगप्पन का निधन हो गया था. इस ग्रुप में मुरुगप्पन की 8.15 फीसदी हिस्सेदारी है. इस हिस्सेदारी के वारिसों में मुरुगप्पन की सबसे बड़ी बेटी वल्ली अरुणाचलम भी शामिल हैं. अमेरिका में रह रहीं अरुणाचलम का कहना है कि उन्हें मुरुगप्पा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी अंबाडी इन्वेस्टमेंट्स में एक बोर्ड सीट या कंपनी में स्टेक की फेयर मार्केट वैल्यू दी जाए. यही नहीं, अरुणाचलम ने कानूनी लड़ाई की भी धमकी दे दी है.
इसके साथ ही उन्होंने अंबाडी इन्वेस्टमेंट्स की बोर्ड में पुरुषों के वर्चस्व को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो न्यूक्लियर इंजीनियर अरुणालचम ने इस संबंध में परिवार के दूसरे सदस्यों से भी संपर्क किया है. यहां बता दें कि अंबाडी इन्वेस्टमेंट्स के पास मुरुगप्पा ग्रुप की विभिन्न कंपनियों में 5 अरब डॉलर से अधिक के शेयर हैं. इसके बोर्ड में परंपरागत रूप से परिवार के पुरुष सदस्यों को ही रखा जाता रहा है. ऐसे में अरुणाचलम की बोर्ड में एंट्री कहीं न कहीं दिलचस्प हो जाएगी.