छत्तीसगढ़

मुझे सोनिया गांधी आदिवासी मानती हैं, लेकिन भूपेश बघेल नहीं: अजीत जोगी

रायपुर
छत्तीसगढ़  सरकार द्वारा गठित हाई पावर कमेटी  ने अपनी रिपोर्ट में पूर्व सीएम अजीत जोगी को आदिवासी मानने से इनकार कर दिया है. इसके बाद से प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. पूर्व सीएम अजीत जोगी ने अपनी जाति पर हो रहे विवाद को लेकर मंगलवार को एक प्रेस कॉंफ्रेंस ली. इसमें अजीत जोगी ने राज्य की भूपेश सरकार (पर निशाना साधा. अजीत जोगी ने कहा कि मुझे सरकार के आदेश की विधिवत कॉपी नहीं मिली है.

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के सुप्रीमो अजीत जोगी ने मीडिया से चर्चा में कहा- मुझे सोनिया गांधी राजीव गांधी और राहुल गांधी तो आदिवासी मानते हैं, लेकिन सीएम भूपेश बघेल  आदिवासी मानने को तैयार नहीं हैं. हाई पावर कमेटी का मुझे विधिवत आदेश नहीं मिला है. मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है. भूपेश छानबीन समिति ने फैसला दिया है कि मै आदिवासी नही हूं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कमेटी थी, जिसने उनकी बात मानी है. बीते 9 अगस्त को ही भूपेश बघेल ने ही संकेत दे दिए थे. कमेटी ने वैसी ही रिपोर्ट तैयार की है.

पहली कमेटी ने भी नहीं माना था आदिवासी
अजीत जोगी की जाति मामले में आदिम जाति विभाग के सचिव डीडी सिंह की अध्यक्षता वाली हाई पावर कमेटी ने जोगी को आदिवासी नहीं माना है. इससे पहले साल 2018 में आईएएस रीना बाबा कंगाले की अध्यक्षता वाली हाई पावर कमेटी ने भी अपनी रिपोर्ट में अजीत जोगी को आदिवासी नहीं माना था. कमेटी ने ये भी तय किया है कि जोगी को अनुसूचित जनजाति के लाभ की पात्रता नहीं दी जाएगी. मिली जानकारी के मुता​बिक छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग (सामाजिक प्रास्थिति के प्रमाणीकरण का विनियमन) नियम 2013 के नियम 23 (3) एवं 24 (1) के प्रावधानों के तहत कार्यवाही के लिए बिलासपुर कलेक्टर को निर्देशित भी किया है. वहीं नियम 2013 के नियम 23(5) के प्रावधानों के तहत उप पुलिस अधीक्षक को प्रमाण पत्र जब्त करने के निर्देश दिए हैं.

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