दीपिका शर्मा
दीदी आप उसको फोन मत दीजिए, आप तो चली जाएंगी फोन लेकर फिर यह फोन के लिए रोएगा, तब हम लोग कहां से दिलाएंगे
उस बच्चे की आंखों में चमक थी, तो होठों पर हैरानी बयां करने को ठहरे शब्द भी। मुझे देखता, लेकिन मेरी नजर टकराते ही मां के आंचल में छुप जाता। आखिर मामला क्या है। जानकार आप भी हैरान रह जाएंगे।
एक बार हम एक गांव में एक सर्वे के लिए गए थे। इस दौरान लोगों की भीड़ में कहीं दूर एक बच्चा भी शामिल था, जो लगातार मुझे देख रहा था, लेकिन आगे आने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था।
काम खत्म होने के बाद मैं उस बच्चे के पास जाकर उसे बुलाकर पूछा- बेटा क्या बात है, जो आप हमको इतने ध्यान से देख रहे हो। बच्चे ने बड़े प्यार से जवाब दिया-दीदी आप क्या ली हैं और आपके हाथों में यह क्या है।
दरअसल बच्चा हम को देखकर नहीं हमारे मोबाइल फोन की बात कर रहा था। मैं बिल्कुल ठिठक गई। मुझे यकीन नहीं आ रहा था कि ऐसे भी गांव हैं, जहां बच्चों ने आज तक मोबाइल फोन ही नहीं देखा है।
तब हम उसके हाथों में अपना फोन दे दिए और थोड़ी बहुत जानकारी दी। बाद में उसकी मम्मी आई और बोलने लगी कि दीदी आप उसको फोन मत दीजिए। आप तो चली जाएंगी फोन लेकर फिर यह बाद में रोएगा। फोन लेने की जिद करेगा तब हम लोग कहां से दिलाएंगे।