अध्यात्म

मुझे दो बाजों, दो चीलों को प्रशिक्षण देना है, दो खरगोशों को आश्वासन देना है

आत्मसुधार: ये सब मेरे ही भीतर हैं। दो बाज जो हर उस चीज पर गौर करते हैं, जो भी मुझे मिलीं, अच्छी या बुरी। मुझे उन पर काम करना होगा, ताकि वे सिर्फ अच्छा ही देखें, ये हैं मेरी आंखें

भोपाल. एक बार एक व्यक्ति दुर्गम पहाड़ी पर चढ़ा। वहां पर उसे एक महिला दिखी। वह व्यक्ति बहुत अचंभित हुआ। उसने जिज्ञासा व्यक्त की कि वे इस निर्जन स्थान पर क्या कर रही हैं। उन महिला का उत्तर था मुझे अत्यधिक काम हैं। इस पर वह व्यक्ति बोला, आपको किस प्रकार का काम है, क्योंकि मुझे तो यहां आपके आस-पास कोई दिखाई नहीं दे रहा।

महिला का उत्तर था, मुझे दो बाजों को और दो चीलों को प्रशिक्षण देना है। दो खरगोशों को आश्वासन देना है। एक सर्प को अनुशासित करना है और एक सिंह को वश में करना है। व्यक्ति बोला, पर वे सब हैं कहां, मुझे तो इनमें से कोई नहीं दिख रहा। महिला ने कहा, ये सब मेरे ही भीतर हैं। दो बाज जो हर उस चीज पर गौर करते हैं, जो भी मुझे मिलीं, अच्छी या बुरी। मुझे उन पर काम करना होगा, ताकि वे सिर्फ अच्छा ही देखें, ये हैं मेरी आंखें।

दो चील जो अपने पंजों से सिर्फ चोट और क्षति पहुंचाते हैं, उन्हें प्रशिक्षित करना होगा, चोट न पहुंचाने के लिए वे हैं मेरे हांथ।

खरगोश यहां-वहां भटकते फिरते हैं, पर कठिन परिस्थितियों का सामना नहीं करना चाहते। मुझे उनको सिखाना होगा पीड़ा सहने पर या ठोकर खाने पर भी शान्त रहना, वे हैं मेरे पैर।

गधा हमेशा थका रहता है, यह जिद्दी है। मैं जब भी चलती हूं, यह बोझ उठाना नहीं चाहता, इसे आलस्य प्रमाद से बाहर निकालना है, यह है मेरा शरीर।

सबसे कठिन है सांप को अनुशासित करना। जबकि यह 32 सलाखों वाले एक पिंजरे में बन्द है, फिर भी यह निकट आने वालों को हमेशा डसने, काटने, और उनपर अपना जहर उड़ेलने को आतुर रहता है। मुझे इसे भी अनुशासित करना है, यह है मेरी जीभ।

मेरा पास एक शेर भी है, आह, यह तो निरर्थक ही घमंड करता है। वह सोचता है कि वह तो एक राजा है। मुझे उसको वश में करना है, यह है मेरा मैं।

इसके बाद उस महिला ने उस व्यक्ति से कहा कि मित्र, देखा आपने मुझे कितना अधिक काम है। सोंचिए और विचरिये हम सब में काफी समानता है, अपने ऊपर बहुत कार्य करना है, तो छोडि़ए दूसरों को परखना, निंदा करना, टीका टिप्पणी करना और उस पर आधारित नकारत्मक धारणाएं बनाना। चलें पहले अपने ऊपर काम करें। अध्यात्मिक स्तर पे इसे अपनाएं।

>

About the author

admin administrator

Leave a Comment