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महिलाओं को सशक्त करें और राज्य के विकास से जोड़े : योगी आदित्यनाथ

लखनऊ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य महिला आयोग को सलाह दी है कि वह महिलाओं को सिर्फ सशक्त न करे बल्कि उन्हें राज्य के विकास से भी जोड़े और योजनाओं के प्रति जागरूक करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं की अनदेखी कर किसी भी समाज का विकास नहीं हो सकता। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान चलाया गया तो प्रदेश में लिंगानुपात बेहतर हुआ है।

मुख्यमंत्री इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित राज्य महिला आयोग के जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने उन्होंने आयोग को नसीहत दी कि जनसुनवाई के साथ वह सरकारी योजनाओं को जनता के बीच तक पहुंचाए। आयोग जिला स्तर से लेकर जमीनी स्तर पर टीम तैयार करे। सरकारी योजनाओं से भी लोगों को सशक्त किया जाए। महिलाओं को उज्ज्वला योजना और स्वच्छता अभियान आदि के बारे में बताया जाए, उसे गैस सिलेण्डर या शौचालय दिलाने के प्रयास किए जाएं, ये असली सशक्तीकरण होगा। उन्होंने कहा कि सरकार 1090, 112 व 181 हेल्पलाइन इंटीग्रेट कर महिलाओं के लिए चला रही है लेकिन समीक्षा में सामने आया कि केवल 5 जिलों से ही शिकायतें आ रही हैं। 70 जिलों में महिलाओं को इसकी जानकारी ही नहीं।

मुख्यमंत्री ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि एक गांव में कुछ बच्चियां नंगे पैर स्कूल जा रही थीं। मैंने उनसे पूछा कि नंगे पैर कहां जा रही हो? उन्होंने बताया कि उनके भाई गांव के ही निजी स्कूल में पढ़ रहे थे। चूंकि वे लड़कियां थीं इसलिए उन्हें सरकारी स्कूलों में डाल दिया था। उसी क्षण मैंने संकल्प लिया कि सरकारी स्कूलों को भी निजी स्कूलों से बेहतर बनाया जाएगा। जूते-स्वेटर बांटने का निर्णय लिया और एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार 218 फास्ट ट्रैक कोर्ट बना रही है और इसमें 74 कोर्ट पॉक्सो एक्ट से संबंधित हैं। बीते 6 महीनों के दौरान महिला संबंधी अपराधों में संलिप्त अपराधियों को कड़ी सजा दिलवाने में सरकार सफल रही है। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह, मंत्री सुरेश खन्ना, लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया, आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम समेत कई पदाधिकारी मौजूद रहे।

डिजिटल युग के दुष्प्रभावों के बारे में युवतियों संग लोगों को जागरूक करना हम सभी की जिम्मेदारी है। शिक्षिकाओं को स्कूलों में साइबर बुलिंग के दोषों के बारे में बताना चाहिए। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में महिला कल्याण राज्यमंत्री स्वाति सिंह ने कहा कि महिला जागरूकता कार्यक्रम में पुरुषों की भागीदारी उतनी जरूरी है जितनी महिलाओं की। उन्होंने कहा कि डिजिटल युग के अच्छे और बुरे दोनों ही परिणाम है। लिहाजा अभिभावकों को अपने बच्चों से खुलकर बात करनी होगी। कार्यक्रम में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा, लखनऊ विश्वविद्यालय के वीसी आलोक कुमार राय समेत महिला आयोग के पदाधिकारी मौजूद रहे।

आयोग, फेसबुक और साइबर पीस फाउंडेशन की ओर से वी थिंक डिजिटल 'डिजिटल शक्ति' कार्यक्रम को लांच किया गया जिसके तहत सात राज्यों में एक लाख महिलाओं को डिजिटल साक्षरता का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। यूपी से शुरू हुए इस कार्यक्रम को असम, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, गुजरात, झारखंड, बिहार में चलाया जाएगा। महिलाओं को बैंक, एटीएम के हैक होने, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम समेत अन्य सोशल एप् से जुड़ी सुरक्षात्मक जानकारियां साझा की जाएंगी।

 

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