राजनीति

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: कांग्रेस को नहीं मिल रहे मजबूत ​प्रत्याशी

 
नई दिल्ली 

महाराष्ट्र का आगामी विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए आसान नहीं होने जा रहा है. महाराष्ट्र में कभी कांग्रेस का मजबूत जनाधार रहा है और पार्टी भाजपा शिवसेना गठबंधन सरकार को सत्ता से बाहर करने के लिए पूरा जोर लगा रही है. लेकिन भाजपा के मजबूत रणनीतिक कौशल और चुनावी प्रबंधन के आगे कांग्रेस आंतरिक कलह का शिकार है. चुनाव को लेकर कांग्रेस का रवैया न सिर्फ ढीला ढाला है, बल्कि सबसे पुरानी पार्टी दिशाहीन  भी दिख रही है.

दिल्ली में कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग के बाद माना जा रहा है कि पार्टी संभवत: 20 सितंबर को 50 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करेगी. नाम सार्वजनिक न करने की शर्त पर पार्टी सूत्रों ने बताया कि महाराष्ट्र के चुनाव में यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा चुनाव प्रचार करेंगे.

चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के कई नेताओं के पार्टी छोड़ देने की वजह से करीब 50 सीटों पर कांग्रेस को जिताऊ उम्मीदवार खोजने में काफी कशक्कत करनी पड़ रही है. इसके अलावा, बीजेपी विरोधी कांग्रेस के हर कदम पर पैनी नजर रखे हुए है.

सूत्रों ने बताया कि उम्मीदवारों की सूची जारी करने में जानबूझ कर देर की जा रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अवसरवादी लोग पाला बदलकर अपनी उम्मीदवारी का सौदा न कर सकें. कांग्रेस की स्थिति मजबूत करने के लिए पार्टी नेतृत्व ने अपने प्रमुख नेताओं से चुनावी मैदान में उतरने की अपील की है. इनमें कुछ बड़े नाम जैसे सुशील कुमार शिंदे, नाना पटोले, अशोक चव्हाण, मिलिंद देवड़ा और संजय निरूपम आदि शामिल हैं जो 2019 का लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं.

राजीव साटव, सत्यजीत तांबे, विश्वजीत कदम और वर्षा गायकवाड़ जैसे करीब 40 नेताओं की लिस्ट है जिनसे पार्टी को उम्मीद है कि वे बीजेपी और शिवसेना के विरुद्ध कांग्रेस को बढ़त दिला सकते हैं.

हालांकि, पार्टी के कई बड़े नेता पिछला लोकसभा चुनाव हार चुके हैं और यह जानते हैं एक तो ​बीजेपी साधन संपन्न है और दूसरे वह आक्रामक ढंग से चुनाव लड़ेगी. ऐसे परिस्थिति में वे चुनाव लड़कर हारने का रिस्क नहीं लेना चाहते.

ऐसा लगता है कि पार्टी नेतृत्व की इच्छा के बावजूद कुछ नेताओं ने चुनाव लड़ने का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया है और वे बैकफुट पर ही रहना चाहते हैं. इनमें राजीव साटव, मिलिंद देवड़ा और संजय निरूपम शामिल हैं. दूसरी तरफ, पृथ्वीराज चव्हाण, अशोक चव्हाण, बाला साहेब थोराट और परिणीति शिंदे जैसे नेता हैं जो मोर्चा लेने को तैयार हैं.

दूसरी तरफ कांग्रेस नेतृत्व चाहता है कि वह मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ मजबूत उम्मीदवार उतारे ताकि जनता में यह संदेश जा सके कि पार्टी खेल से बाहर नहीं है और लोहा लेने को तैयार है. हालांकि, एक तो कांग्रेस शुरू से ही लड़ाई में कमजोर दिख रही है, दूसरे उसकी कमजोर तैयारियां यह संकेत दे रही हैं कि महाराष्ट्र का मोर्चा कांग्रेस के लिए आसान नहीं होने जा रहा है.

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