राजनीति

महाराष्ट्र चुनाव 2019: भाजपा-शिवसेना में सीटों के बंटवारे पर फंसा पेंच, जानें केसै सुलझेगा

नई दिल्ली
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा और शिवसेना के बीच सीटों के बंटवारे में फंसे पेंच को सुलझाने के लिए जल्द ही दोनों दलों के अध्यक्षों के बीच बातचीत होने के आसार हैं। शिवसेना भाजपा के साथ बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग कर रही है। वहीं, भाजपा पिछले विधानसभा चुनाव व बीते लोकसभा चुनाव के आधार पर अपने हिस्से में ज्यादा सीटें चाहती है।

चुनाव के तारीखों की घोषणा इसी सप्ताह : महाराष्ट्र समेत तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों के लिए तारीखों की घोषणा इस सप्ताह के आखिर में होने की संभावना है। राज्य में विपक्ष के प्रमुख गठबंधन कांग्रेस और एनसीपी ने सीटों के तालमेल को अंतिम रूप दे दिया है। दोनों दल 125-125 सीटों पर चुनाव लड़ने पर सहमत हो गए हैं। बाकी सीटें सहयोगियों के लिए रखी गई हैं।

सीट बंटवारे सहमति नहीं बन पाई : वहीं, राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा-शिवसेना गठबंधन के बीच सीटों के तालमेल को लेकर अभी तक सहमति नहीं बन पाई है। राज्य स्तर पर हो रही चर्चाओं में फार्मूला तय न हो पाने के बीच दोनों दलों ने अपने काडर को सभी सीटों पर चुनावी तैयारी करने के निर्देश भी दे दिए हैं।

सात माह पहले हुआ था साथ लड़ने का समझौता : सात माह पहले लोकसभा चुनाव के मौके पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में दोनों दलों के बीच चुनावी समझौता हुआ था। इस मौके पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के कहा था कि विधानसभा चुनाव में सहयोगी दलों को सीटें छोड़ने के बाद बची बाकी सीटों पर भाजपा व शिवसेना बराबर-बराबर के फॉर्मूले पर चुनाव लड़ेगी।

शिवसेना चाहती है कि भाजपा के साथ इसी फॉर्मूले पर समझौता हो, लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद हालात बदले हैं। इससे पहले उद्धव ठाकरे ने पार्टी नेताओं से सूबे में अकेले चुनाव लड़ने की स्थिति में कमर कसने की तैयारी का आदेश देकर गठबंधन को लेकर असमंजस की स्थिति को और हवा दे दी थी। शिवसेना ने नागपुर सीट समेत प्रदेश की सभी सीटों पर इच्छुक उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया भी खामोशी से शुरू कर दी थी। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव अक्तूबर में होने जा रहा है।

सीट बंटवारे के लिए कई फॉर्मूले की चर्चा
सूत्रों के अनुसार, महाराष्ट्र में भाजपा ने पहले 174 सीटें खुद के लिए और 114 सीटें शिवसेना को देने का फार्मूला तैयार किया था, जिसे शिवसेना ने नकार दिया। अब भाजपा 155 सीटें खुद के लिए और 120 सीटें शिवसेना को देने के फार्मूला को आगे रख रही है। साथ ही 13 सीटें अन्य सहयोगी दलों को देने की बात कर रही है। वहीं, दूसरी तरफ शिवसेना दोनों दलों के बीच 135-135 सीटों के बंटवारे और बाकी बचे 18 सीटें सहयोगी दलों को देने की बात पर अड़ी है। इस बीच दोनों दलों के नेताओं को भरोसा है कि चुनावों की घोषणा के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे बातचीत से सीटों के बंटवारे का मुद्दा हल कर लेंगे।

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