ग्वालियर
प्रदेश प्रत्येक सरकारी महाविद्यालय के कैंपस में ‘गांधी स्तंभ’ का निर्माण करने के उच्च शिक्षा विभाग के आदेश का पालन अभी तक नहीं हुआ है। प्राचार्यों की ढिलाई के चलते ‘गांधी स्तंभ’ के निर्माण में देरी हुई है। जिसको लेकर उच्च शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों ने कड़ी नाराजगी जताई है। जिन कॉलेजों में ‘गांधी स्तंभ’ बनकर तैयार होने संबंधी ओके रिपोर्ट नहीं मिली है,वहां के प्राचार्यों पर खिंचाई की गई है। निर्देश दिए गए हैं कि 29 जनवरी तक हर हाल में स्तंभ का निर्माण कार्य पूरा हो जाना चाहिए। चेतावनी भी दी गई है कि लापरवाही बतरने वाले प्राचार्य कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
बता दें कि मुख्यमंत्री कमलनाथ और उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी द्वारा 30 जनवरी को महात्मां गांधी की पुण्य तिथि पर विश्वविद्यालयों में ‘गांधी चेयर’ और कॉलेजों में ‘गांधी स्तंभ ’का सामूहिक उद्घाटन किया जाना है। उच्च शिक्षा विभाग ने बीस दिन पहले सभी विश्वविद्यालयों को ‘गांधी चेयर’की स्थापना करने और कॉलेजों के प्राचार्यों को ‘गांधी स्तंभ’का निर्माण कराने के आदेश दिए थे। कहा गया था कि कॉलेजों के जनभागीदारी मद से गांधी स्तंभ का निर्माण कराएं। जिसमें गांधी की की प्रतिमा भी स्थापित की जाए। यह निर्माण कार्य 26 जनवरी तक पूरा करने के निर्देश दिए गए थे। शासकीय अग्रणी महाविद्यालयों से क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालकों के जरिए इसकी रिपोर्ट मांगी गई।
इस दौरान मालूम चला है कि प्रदेश के कई महाविद्यालय ऐसे हैं,जिनके प्राचार्य अभी तक कैंपस में गांधी स्तंभ का निर्माण कार्य पूरा नहीं कर पाए हैं। इनमें ज्यादातर कॉलेज ग्रामीण इलाकों के बताए गए हैं। कल 30 जनवरी को मुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री को भोपाल से ही सामूहिक रूप से गांधी स्तंभ का उद्घाटन करना है। ऐसी स्थिति में जिन कॉलेजों में गांधी स्तंभ बनकर तैयार नहीं हुए हैं,वहां के प्राचार्यों को सख्त निर्देश दिए हैं कि स्तंभ का जो काम बचा है,उसे शीघ्र पूरा कर रिपोर्ट भेजें। लापरवाही बर्दाश्त नहीं क जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक कई कॉलेजों के प्राचार्य को‘गांधी स्तंभ’का निर्माण कराने से पहले ही हाथ खड़े कर चुके थे। उनका तर्क यह था कि स्तंभ के निर्माण के लिए काफी कम समय विभाग ने दिया है। बिना टेंडर के निर्माण नहीं हो सकता। वहीं उन्होंने गांधी प्रतिमा के लिए कुटेशन मंगाए तो फर्मों ने इसकी रेट देने से इंकार कर दिया।