छत्तीसगढ़

मनुष्य को मानसिक व सामाजिक रुप से स्वस्थ होना जरुरी – डा. पल्टा

रायपुर
राजधानी रायपुर के बीटीआई मैदान शंकरनगर में आयोजित बच्चों के लिए 46वीं जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय विज्ञान, गणित और पर्यावरण प्रदर्शनी में आज मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ.प्रदीप शर्मा यूज आॅफ साइंस इन सॉलविंग प्राबलम आॅफ रूरल लाईफ पर और हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग की कुलपति डॉ. अरूणा पल्टा ने हेल्थ एंड न्यूट्रीशन फॉर आॅल विषय पर व्याख्यान दिया। डॉ.श्रीमती अरूणा पल्टा ने अपने व्याख्यान में कहा कि मनुष्य को शरीर के साथ-साथ मानसिक और सामाजिक रूप से भी स्वस्थ होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि टेलर अलग-अलग व्यक्तियों के लिए उसके शरीर के अनुरूप कपड़े सिलता है, उसी प्रकार प्रत्येक व्यक्ति को अपने शरीर के जरूरत के मुताबिक विटामिन युक्त संतुलित भोजन करना चाहिए।

मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ. प्रदीप शर्मा ने छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी नरवा, गरवा, घुरूवा और बाड़ी विषय पर अपना व्याख्यान दिया। श्री शर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ से नर्मदा और सोन जैसी बड़ी नदियां निकली है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में पहले 32 हजार 700 नाले वर्ष में दस महीने निरंतर बहते रहते थे, किन्तु वर्तमान में केवल 5-10 प्रतिशत नाले बचे हैं, जिनमें छह माह पानी बहता है। उन्होंने इसकी वजह ग्लोबल वार्मिंग को बताया। श्री शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश में भू जल संवर्धन को बढ़ाने के लिए नरवा योजना लागू की गई है। इससे प्रदेश के कुंओं और हैण्डपंपों में पानी आएगा और जमीन के भीतर पानी ज्यादा रहने से तापमान भी कम रहेगा। उन्होंने पशुपालन की महत्ता को बताते हुए ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए गौठान योजना के लाभ से बाल वैज्ञानिकों को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि घुरूवा के जैविक खाद से फसलों को कितना फायदा होता है और जैविक खाद के उपज के उपयोग से मनुष्य निरोगी रह सकता है। श्री शर्मा ने बाड़ी योजना के महत्व को बताने हुए विभिन्न प्रांतों से आए बाल वैज्ञानिकों को अपने-अपने स्कूलों में किचन गार्डन लगाने की बात कही। इस मौके पर डॉ. प्रदीप शर्मा ने गुजरात के गांधी नगर, दिल्ली, बिहार, हिमांचल प्रदेश के प्रतिभागियों के प्रश्नों का जवाब देकर उनके जिज्ञासाओं को शांत किया।

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