भोपाल
पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव ने आज प्रदेश की सायर (नंदी) डायरेक्ट्री और पशुधन बीमा योजना के पोस्टर का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय वीर्य संस्थान, भोपाल द्वारा प्रकाशित इस डायरेक्ट्री से पशुपालकों को विभिन्न उन्नत किस्म के नंदी की विस्तृत जानकारी मिलेगी और उन्हें अपने पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान के लिये उन्नत किस्म के वीर्य का चयन करने में सुविधा होगी।
यादव ने बताया कि वर्तमान में मध्यप्रदेश में एक मात्र वीर्य संस्थान भोपाल में स्थित है। इसमें लगभग 205 नंदी रखे जाने की सुविधा है। वर्तमान में 198 नंदी इस संस्थान में वीर्य संकलन के लिये उपलब्ध हैं। संस्थान में दूध देने वाले पशुओं की कुल 16 नस्लों के नंदी रखे गये हैं। इसमें प्रमुख रूप से गिर, थारपरकर, मुर्रा जैसे दुधारु नस्ल के नंदी हैं। उन्होने बताया कि जर्सी एवं एचएफ जैसी अधिक मात्रा में दूध देने वाली नस्लों के नंदी भी इस संस्थान में रखे गये हैं। पशुपालन मंत्री ने कहा कि डायरेक्ट्री में 198 नंदी का विस्तृत विवरण प्रत्येक पृष्ठ पर उपलब्ध है। इसमें कुछ भैंसीय एवं शेष गौवंशीय सायर हैं।
पशुधन बीमा योजना
मंत्री यादव ने बताया कि पशुपालकों को पशुधन बीमा के बारे में बिन्दुवार जानकारी आज जारी पोस्टर के माध्यम से दी जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में लगभग एक-एक हजार पोस्टर पशुपालकों को वितरण के लिये भेजे जा रहे हैं।
पशुपालन मंत्री लखन यादव ने कहा कि पशुधन बीमा योजना प्रदेश के प्रत्येक जिले में लागू की गई है। इसमें पशुपालक अपने दुधारु पशुओं के साथ सभी प्रकार के पशुओं का बीमा करा सकेंगे। एक हितग्राही अपने 5 पशुओं का बीमा करा सकेगा। भेड़, बकरी, शूकर आदि श्रेणी में 10 पशुओं की एक पशु इकाई मानी जाएगी।
मंत्री यादव ने कहा कि बीमा प्रीमियम पर एपीएल श्रेणी के पशुपालकों को 50 प्रतिशत अनुदान तथा बीपीएल और अजा-अजजा श्रेणी के पशुपालकों को 70 प्रतिशत अनुदान राज्य सरकार द्वारा दिया जाएगा। शेष राशि पशुपालक द्वारा भुगतान की जाएगी। बीमा प्रीमियम की अधिकतम दर एक वर्ष के लिये 3 प्रतिशत तथा 3 वर्ष के लिये 7.50 प्रतिशत देय होगी। बीमा न्यूनतम एक वर्ष तथा अधिकतम 3 वर्ष के लिये किया जा सकेगा।
कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव, प्रबंध संचालक कुक्कुट विकास निगम, डॉ. एच.बी.एस. भदौरिया एवं केन्द्रीय वीर्य संस्थान की प्रभारी डॉ. दीपाली देशपाण्डे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।