जेनेवा
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की भारत के नागरिकता कानून पर की गई टिप्पणी को भारत ने सिरे से खारिज किया है। इमरान खान ने कहा था कि भारत सरकार द्वारा उठाए कदमों के कारण दक्षिण एशिया में एक बड़ी शरणार्थी समस्या जन्म ले रही है। भारत ने इमरान खान की टिप्पणी के जवाब में कहा कि उनकी बेतुकी टिप्पणी भारत के प्रति उनकी घृणा और पूर्वाग्रह का परिचायक है। भारत ने यह भी कहा कि इमरान खान अपने देश के लिए काम करें।
संयक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजीव के चंदर ने इमरान खान की इस टिप्पणी को सिरे से खारिज करते हुए कहा, 'हम इमरान खान की इस बेतुकी और निराधार टिप्पणी को पूरी सख्ती से खारिज करते हैं। पाकिस्तान स्वघोषित रूप से मानवाधिकार का हिमायती बनता है जबकि वहां के अल्पसंख्यकों की संख्या जोकि 1947 में 23 पर्सेंट थी, अब तीन पर्सेंट पर आ चुकी है। पाकिस्तान में कठोर ईशनिंदा कानून, एक प्रक्रिया के तहत उत्पीड़न और जबरन धर्मांतरण इसका मुख्य कारण हैं।'
'इमरान खान अपना देश संभालें, वही बेहतर होगा'
राजीव चंदर ने आगे कहा, 'भारत के लोगों को यह जरूरत नहीं है कि उनके लिए कोई और बोले। कम के कम वे लोग तो ना ही बोलें, जिन्होंने नफरत के आधार पर आतंकवाद की इंडस्ट्री बना रखी है। पाकिस्तान और उनके प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए यही अच्छा होगा कि वह अपने देश और अपने लोगों के कल्याण के लिए काम करें।'
इससे पहले इमरान खान ने कहा था, 'भारत के मुसलमानों को नागरिकता से वंचित करने के लिए यह कानून बनाया गया है। भारतीय मुसलमानों के अधिकार छीने जा रहे हैं। इस कानून के खिलाफ भारत में दंगे हो रहे हैं और लोग सड़कों पर हैं। दुनिया जान ले कि भारत में शरणार्थियों का एक बहुत बड़ा संकट जन्म ले रहा है। कश्मीर में अस्सी लाख लोग पहरे में हैं। वहां बहुसंख्यक मुस्लिमों को अल्पसंख्यक बनाने की कोशिश की जा रही है। अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो दो एटमी ताकतों में टकराव हो सकता है।’