रायपुर
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने प्रदेश सरकार की आदर्श गौठान योजना की विफलता पर तंज कसा है। श्री उपासने ने कहा कि प्रदेश सरकार आदर्श गौठानों का एक तरफ ढोल पीट रही है, वहीं दूसरी तरफ ढोल की पोल यह है कि अब गौठानों में ही मवेशियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो रही है। इतना ही नहीं, इन गौठानों में चारा-पानी का पक्का इंतजाम तक नहीं हो रहा है, जिससे मवेशी भूख-प्यास से बेचैन होकर दम तोड़ रहे हैं। सड़कों पर घूमते आवारा मवेशियों की सुरक्षा आदि के प्रति भी जिम्मेदार लोग लापरवाह हैं।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि हाल के दिनों में लगातार इस तरह की आ रही खबरें प्रदेश सरकार की लुंज-पुंज कार्यप्रणाली की तस्दीक कर रही हैं। दुर्ग के गौठानों में चारा-पानी नहीं होने के कारण 72 मवेशियों को तीन दिन में छोड़ दिया गया। बलौदाबाजार-कसडोल क्षेत्र में बलौदा ग्राम में भी भूख-प्यास से बेहाल 11 मवेशियों की मौत हो गई। इन मवेशियों को यहां मुक्तिधाम की चारदीवारी में कैद रखा गया था। यहां बारिश से बचने के लिए भी कोई इंतजाम नहीं था। दो सौ मवेशियों में 11 की मौत और दो की गंभीर दशा सरकारी योजना के दावों की धज्जियां उड़ा रही हैं। इधर राजधानी के करीब सड़कों पर आठ और मवेशियों की हादसों में जान गई है। श्री उपासने ने बिलासपुर संभाग के मस्तूरी ब्लॉक के ग्राम लोहरसी में गौठान में चारा-पानी के अभाव में 22 मवेशियों की मौत का जिक्र करते हुए चिरमिरी समेत प्रदेश के सभी शहरों-नगरों और सड़कों पर घूमते आवारा मवेशियों की समस्या को भी प्रदेश सरकार की सबसे बड़ी विफलता बताया है।
भाजपा प्रवक्ता श्री उपासने ने कहा कि एक तरफ प्रदेशभर में मवेशियों की सुरक्षा के दावे करने वाली प्रदेश सरकार इस मोर्चे पर लज्जाजनक विफलता की परिचायक बनी हुई है, वहीं इस समस्या के समाधान और मवेशियों की पक्की सुरिक्षत व्यवस्था करने के बजाय प्रदेश सरकार महज बड़ी-बड़ी बातें करके प्रदेश को भरमाने में लगी है। उन्होंने प्रदेश सरकार राजनीतिक स्वांग से उबरकर संवेदनापूर्ण कार्य करने की मांग की है।