भागलपुर
भागलपुर बाल गृह की पूर्व अधीक्षक व स्वयंसेवी संस्था की सचिव रूपम कुमारी को जीरोमाइल पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक ने थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसके पहले बालगृह में अनियमितता को लेकर तत्कलीन थानेदार रहे रंजन कुमार ने भी प्राथमिकी दर्ज कराई थी। केस की सीबीआई जांच कर रही है। जीरोमाइल के पास चल रहे बाल गृह का संचालन पूर्व में खगड़िया जिले के स्वयंसेवी संस्था रूपम प्रगति समाज समिति द्वारा हो रहा था। वर्ष 2017 में टाटा स्टील सोशल सर्विसेज ने सूबे में चल रहे बाल और बालिका गृह का सोशल ऑडिट किया था।
जांच में बाल गृह में अनियमितता, बच्चों के घटिया रहन-सहन और खानपान और बच्चों के साथ मारपीट की बात कही गई थी। डीएम के निर्देश पर जीरोमाइल थानेदार ने 18 जुलाई, 2018 को कांड संख्या 96/2018 दर्ज की थी। इस मामले में बाल गृह के वार्डेन को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। पांच बच्चों का कोर्ट में 164 के तहत बयान दर्ज कराया गया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सूबे में दर्ज किए गए सभी केस की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी। जीरोमाइल थानेदार राजरतन ने कहा कि उस मामले में रूपम कुमारी की गिरफ्तारी पर रोक लगी है।
इस बीच बिहार सरकार ने स्वयंसेवी संस्था द्वारा संचालित बाल और बालिका गृह का करार रद्द कर दिया। सरकार ने बाल संरक्षण इकाई को बाल और बालिका गृह संचालित करने का निर्देश दिया। डीएम के निर्देश पर बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक ने रूपम प्रगति समाज समिति को 22 सितंबर और 29 सितंबर, 2018 को प्रभार सौंपने का निर्देश दिया, लेकिन प्रभार नहीं सौंपा गया। डीएम के निर्देश पर आठ दिसंबर, 2018 को बाल संरक्षण पदाधिकारी विकास कुमार के बयान पर संस्था की सचिव रूमप कुमार पति राजेश कुमार के खिलाफ जीरोमाइल थाना में धारा 201, 406 और 409 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी। थाना प्रभारी ने कहा कि कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद जीरोमाइल थाना क्षेत्र स्थित आवास से गिरफ्तार किया गया है। रूपम कुमारी खगड़िया जिले के परबत्ता थाना के पसराहा गांव के वार्ड नंबर-12 की रहने वाली है।