लंदन
आखिरकार लंबे इंतजार के बाद ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने ब्रेग्जिट डील पर सहमति बना ली है। पीएम बोरिस जॉनसन और यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष ने खुद गुरुवार को इसकी घोषणा की। हालांकि, इसे मंजूरी के लिए यूरोपीय और ब्रिटिश संसद की मंजूरी की जरूरत होगी। डील से उत्साहित जॉनसन ने कहा कि अब ब्रिटेन को आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा और हम दुनियाभर के देशों के साथ व्यापारिक संबंध स्थापित कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि अब सिर्फ संसद शनिवार को इसे पारित कर दे। उल्लेखनीय है कि ब्रेग्जिट डील के कारण पूर्व पीएम टरीजा मे को अपना पद भी छोड़ना पड़ा था।
उधर, यूरोपीय संघ के 28 नेताओं की बैठक से पहले यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष ने ट्वीट किया, 'जहां चाह है वहां डील है। हम एक हैं। यह यूरोपीय संघ और ब्रिटेन दोनों के लिए निष्पक्ष और संतुलित समझौता है।' पिछले कुछ समय से नए पीएम जॉनसन लगातार ब्रेग्जिट पर सहमति बनाने के प्रयास में थे। यूरोपीयन यूनियन (EU) के अध्यक्ष एंटनी रिने तो ब्रिटेन को चेतावनी भी दे दी थी।
जॉनसन ने ट्वीट करते हुए कहा, 'हम एक नए डील पर पहुंचने में सफल रहे हैं। अब संसद को शनिवार इस डील को मंजूरी देनी चाहिए ताकि हम अपनी नई प्राथमिकताओं की तरफ बढ़ें।'
बता दें कि ब्रिटेन में 2016 में हुए जनमत संग्रह में EU से अलग होने का फैसला किया था। जॉनसन ने कार्यभार संभालने के बाद साफ किया था कि वह जनमत संग्रह के परिणाम को नहीं बदलेंगे। हालांकि, जॉनसन ने कहा था कि अपनी पूर्ववर्ती टरीजा मे के विदड्रॉल एग्रीमेंट की जगह एक नए सौदे पर पर जोर देंगे। जॉनसन ने इससे पहले जोर देते हुए कहा है कि ब्रिटेन ईयू को 31 अक्टूबर को सौदे के साथ या बिना सौदे को छोड़ देगा।
उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने हाल ही में संसद को संबोधित करते हुए कहा था कि हमारी सरकार 31 अक्टूबर तक यूरोपीय संघ से अलग होने के लिए प्रतिबद्ध है जो कि इसकी आखिरी डेडलाइन है।
जॉनसन ने एक के बाद एक कई ट्वीट में इस डील से संबंधित जानकारी दी। उन्होंने लिखा, 'इस नई डील से यह सुनिश्चित होगा कि हमारे कानून, सीमाओं, पैसे और व्यापार पर बिना किसी बाधा हमारा फिर से नियंत्रण होगा और यूरोपीय संघ के साथ नई तरह की दोस्ती स्थापित होगी।'