भोपाल
प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरूण शमी ने बोर्ड परीक्षा के संचालन के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सभी जिला कलेक्टर्स को निर्देश दिये कि परीक्षा के पहले सभी आवश्यक व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करें। इस मौके पर आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती जयश्री कियावत और संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र श्रीमती आइरिन सिंथिया जेपी भी उपस्थित थीं।
प्रमुख सचिव श्रीमती शमी ने कहा कि कमजोर बच्चों की नियमित रूप से रेमेडियल और एक्सट्रा क्लासेस लगाई जायें। बिना मान्यता के चल रहे स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई की जाये। नकल रोकने के लिये पुख्ता इंजताम हों। उन्होंने कहा कि नकल किसी भी स्थिति में नहीं होना चाहिये। मिशन- 1000 के तहत चिन्हित स्कूलों पर विशेष ध्यान दिया जाये। राज्य शिक्षा केन्द्र के माड्यूल एवं निर्देश अनुसार बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी करायें। बच्चों को प्रतिदिन अभ्यास कराया जाये। किसी भी दिन अवकाश नहीं दिया जाये। श्रीमती शमी ने बताया कि इस बार पांचवी और आठवीं बोर्ड के बच्चों को प्रश्न-पत्र लिखने की तैयारी कराने के लिए दो बार प्री-बोर्ड परीक्षा कराई जा रही है, ताकि बच्चे समय प्रबंधन के साथ उत्तर दे सकें। प्री-बोर्ड में पेपर के दिन ही शिक्षक सेकण्ड हाफ में बच्चों को बैठाकर पेपर साल्व करायेंगे।
परीक्षा केन्द्रों की होगी मेपिंग
इस बार बच्चों के एडमिट कार्ड से लेकर रिजल्ट तक सभी जानकारी ऑनलाईन उपलब्ध रहेगी। परीक्षा के दिन परीक्षा केन्द्र पर बच्चों की उपस्थिति की जानकारी ऑनलाईन रहेगी। सभी परीक्षा केन्द्रों की मेपिंग होगी। एक्जाम वेल्यूएशन भी आनलाईन दर्ज होगा। बहुत दूर स्थित केन्द्रों पर बच्चों को लाने-ले-जाने की व्यवस्था भी की जाएगी।
विद्यार्थियों के लिये टोल-फ्री नम्बर 14425
प्रमुख सचिव ने सभी स्कूलों में उमंग माड्यूल एवं एस्पायर पोर्टल की जानकारी चस्पा कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सभी बच्चों को टोल फ्री नंबर 14425 की जानकारी हो ताकि परीक्षा के तनाव अथवा अन्य समस्या के समाधान के लिये विद्यार्थी परामर्श ले सकें। कोई भी बच्चा समग्र आई.डी. से एस्पायर पोर्टल पर लॉग-इन कर सकता है। एस्पायर पोर्टल पर स्नातक के लिए सभी विषयों एवं संबंधित संस्थाओं तथा छात्रवृत्ति सहित अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाँ है।
परीक्षा बाद स्कूलों में होगा केरियर मेला
परीक्षा के बाद प्रत्येक स्कूल में कैरियर मेला भी आयोजित किया जाएगा। प्रमुख सचिव ने कहा कि 12वीं कक्षा के बाद 50-50 छात्र-छात्राओं को लक्ष्य योजना के तहत ट्रेनिंग दिलाने के लिये अभी से चिन्हित कर लें ताकि उन्हें पैरा-मिलिट्री, पुलिस तथा अन्य परीक्षाओं के लिए फिजिकल ट्रेनिंग दी जा सकें। उन्होंने निर्देश दिये कि स्कूलों में शिक्षकों की रिक्तियों की सटीक जानकारी दी जाये ताकि वर्ग 1 और 2 की भर्ती प्रक्रिया पूर्ण होने पर चयनित शिक्षकों की पदस्थापना दूरस्थ स्कूलों, मॉडल एवं उत्कृष्ठ स्कूलों में की जा सके।