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बोर्डिंग में गैंगरेप होने पर स्कूलवालों को भी सजा

देहरादून
करीब 2 साल पहले देहरादून के एक बोर्डिंग स्कूल में गैंगरेप की शिकार हुई छात्रा को आखिरकार स्पेशल पॉक्सो कोर्ट से न्याय मिल गया है। देहरादून के सहसपुर क्षेत्र के भाऊवाला स्थित बोर्डिंग स्कूल में पिछले साल अगस्त महीने में हुई शर्मनाक घटना में सोमवार को दोषी छात्र सरबजीत को 20 साल की सजा सुनाई है। मामले में स्कूल के चार छात्रों और स्कूल प्रबंधन को मामले को छिपाने के लिए साजिश करने का दोषी भी पाया गया।

दोषी छात्रों में से 3 नाबालिग हैं, उन्हें तीन-तीन साल की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने सरकारी गवाह बन गई आया को बरी कर दिया। विशेष पॉक्सो जज रमा पांडेय की अदालत ने स्कूल की डायरेक्टर लता गुप्ता, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी दीपक, उनकी पत्नी तनु को अलग-अलग धाराओं में दोषी करार देते हुए सभी को 9-9 साल की सजा सुनाई। प्रिसिंपल जितेंद्र शर्मा को भी ढाई साल की सजा सुनाई गई है। उसे कोर्ट से जमानत भी मिल गई है।

10 लाख का जुर्माना भी
स्कूल प्रबंधन को सबूत छिपाने, साजिश और गर्भपात कराने में दोषी मानते हुए कोर्ट ने 10 लाख का जुर्माना भी लगाया। जुर्माने की इस राशि को पीड़िता को दिया जाएगा। इस मामले में दोषी तीनों नाबालिग छात्रों पिछले साल किशोर न्याय बोर्ड ने बरी कर दिया था। सोमवार को पॉक्सो कोर्ट ने सजा सुनाने के बाद तीन दिन के अंदर तीनों को किशोर न्याय बोर्ड के सामने पेश होने के आदेश दिए हैं।

प्रबंधन ने डाला पर्दा
घटना 14 अगस्त, 2018 की है जब बोर्डिंग स्कूल में पॉर्न विडियो दिखाकर स्कूल के ही चार छात्रों ने 16 साल की नाबालिग छात्रा से गैंगरेप किया था। सितंबर 2018 में यह मामला सामने आने के बाद मुकदमा दर्ज हुआ था। इस गैंगरेप की शिकायत पीड़ित छात्रा ने स्कूल प्रबंधन से की थी, लेकिन प्रबंधन ने न सिर्फ इसे छिपाया बल्कि छात्रा पर भी चुप रहने का दबाव डाला।

घरवालों को मीडिया से पता चला
यहां तक कि कॉलेज प्रशासन की मिलीभगत से छात्रा का गर्भपात भी करवाया गया था। स्थिति यह थी कि मीडिया में मामला आने तक पीड़िता के घरवाले भी उसके साथ हुए जघन्य अपराध से अनजान थे। इस केस के सरकारी वकील जेपी रतूड़ी ने कहा कि कोर्ट के इस फैसले से जहां पीड़िता को इंसाफ मिलेगा वहीं, ऐसे स्कूलों के लिए भी यह सबक बनेगा।

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