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बैंकों में जमा पैसों की बीमा सुरक्षा बढ़ाई जाएगी, सहकारी बैंकों के नियमन को बनेगा कानून: सीतारमण

 
नई दिल्ली

सहकारी क्षेत्र के पीएमसी (PMC) बैंक घोटाले से उठे विवादों के बीच केंद्र सरकार बैंक खातों में जमा रकम पर इंश्योरेंस गारंटी की सीमा बढ़ाने की तैयारी में है। इसके लिए संसद के शीतकालीन सत्र में संशोधन विधेयक रखा जा सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यहां संवाददाताओं के साथ बातचीत में यह जानकारी दी। फिलहाल बैंकों में जमा रकम पर एक लाख रुपये इंश्योरेंस गारंटी मिलती है, मतलब अगर बैंक में आपने पांच लाख रुपये जमा किए हैं और बैंक डूब जाता है तो आपको एक लाख रुपया मिल जाएगा।

गारंटी की सीमा पर खुलासा नहीं
सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि बैंक जमा एवं ऋण गारंटी निगम अधिनियम योजना के तहत जमाकर्ताओं के मौजूदा संरक्षण को वर्तमान में एक लाख रुपये की सीमा से ऊपर किया जाएगा। वित्त मंत्री ने यह नहीं बताया कि बैंक जमा पर बीमा सुरक्षा की नई सीमा कितनी होगी। एक लाख रुपये की सीमा 1993 में तय की गयी थी, जिसे महंगाई और आयकर छूट की सीमा में बढ़ेतरी आदि को देखते हुए बढ़ाए जाने की जरूरत महसूस की जा रही है।

सहकारी बैंकों के नियमन को नया कानून
उन्होंने कहा कि बहुराज्यीय सहकारी बैंकों को नियमन के दायरे में लाने के मामले में मंथन जारी है। सहकारी बैंकों को भी नियमन के लिहाज से बैंकिंग नियमन कानून के दायरे में लाया जा सकता है। इस संबंध में तमाम संबंधित कानूनों पर गौर किया जा रहा है और ‘उम्मीद है कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल इस बारे में विधेयक को जल्द मंजूरी देगा और इसे संसद के आगामी सत्र में ही पेश किया जा सकेगा।’

ऋण गारंटी निगम कानून 1961 में बना
जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम कानून 1961 में अस्तित्व में आया। इसके तहत गठित निगम भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है। इसकी स्थापना जुलाई 1978 में हुई थी। किसी बैंक के धराशायी होने की स्थिति में यह निगम बैंकों के जमा धारकों को उनकी जमा राशि पर एक लाख रुपये तक की गारंटी देता है। 1993 में संशोधन के बाद जमा गारंटी राशि को बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया था।

NBFC को कर्ज पर बुलाई बैठक
गैर बैंकिग वित्तीय कंपनियों (NBFC) को बैंकों से नकदी उपलब्ध कराए जाने के संबंध में वित्त मंत्री ने कहा, ‘अगले सप्ताह बैंकों के साथ बैठक बुलाई गई है। सभी बैंकों से आंकड़े मंगवाए गए हैं। रिजर्व बैंक से भी इस बारे में जानकारी मांगी गई है। तभी इस संबंध में स्पष्ट तौर पर जानकारी प्राप्त हो सकेगी।’ वित्त मंत्री से पूछा गया था कि सरकार ने एनबीएफसी को बैंकों से तरलता उपलब्ध कराने की पहल की थी, अब तक कितनी नकदी एनबीएफसी तक पहुंची है। ऐसी रिपोर्ट हैं कि ऊंची रेटिंग वाली एनबीएफसी को ही बैंकों से नकदी प्राप्त हो पाई है।

'बढ़ रही हैं विनिवेश की योजनाएं'
विनिवेश के मुद्दे पर वित्त मंत्री ने कहा कि एयर इंडिया सहित विनिवेश की सभी योजनाएं आगे बढ़ रही हैं। चीजें तेजी से आगे बढ़ रही हैं। अन्य मंत्रालयों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा,‘फिलहाल यही कहा जा सकता है कि हम आगे बढ़ रहे हैं। कुछ समय बाद चीजें अधिक स्पष्ट हो सकेंगी।’
 

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