पटना
राज्य में अब वज्रपात की सूचना आधे से पौन घंटे पहले मिलेगी। इसके लिए वज्रपात पूर्व चेतावनी प्रणाली की स्थापना की जायेगी। यह मशीन राज्य में पटना, नवादा, पूर्वी चम्पारण, दरभंगा और पूर्णिया या अररिया सहित छह स्थानों पर लगेगी। राज्य सरकार ने इसको मंजूरी दे दी है। आपदा प्रबंधन विभाग ने इसके लिए अर्थ नेटवर्क कम्पनी से करार कर लिया है। यह करार चार वर्षों के लिए हुआ है। राज्य सरकार ने वज्रपात से होने वाली मौतों को 2015 में विशेष स्थानीय प्राकृतिक आपदा घोषित किया था। लिहाजा सरकार को ऐसी घटनाओं में मरने वाले लोगों के परिजनों को मुआवजा देना पड़ता है। तीन वर्षों में ऐसी घटनाओं में लगभग साढ़े पांच सौ लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में सरकार ने घटनाओं में जोखिम को कम करने की पहल शुरू कर दी है।
सरकार की योजना के अनुसार एक मशीन दो सौ किमी को कवर करेगी। लिहाजा छह मशीनों से पूरा राज्य कवर हो जाएगा। कोई भी व्यक्ति इसके लिए विभाग के एप्लकेशन को डाउनलोड कर सकता है। इसी के साथ समय से पहले मशीन मुख्यालय को भी सूचना दे देगी। विभाग ऐसी व्यवस्था भी करने जा रहा है कि जिस इलाके में वज्रपात की सूचना मिले उसे इलाके के लोगों को मैसेज भेजकर भी सूचित किया जा सके, लेकिन अभी इसपर काम हो रहा है। अभी मोबाइल ऐप के माध्यम से लोगों तक सूचना भेजने के लिए भी विभाग ने बेंगलुरु की किहु कंपनी के साथ करार किया है। हाल के कुछ वर्षों में राज्य में वज्रपात की घटनाएं बढ़ी हैं। वर्ष 2016, 2017 और 2018 में वज्रपात के कारण क्रमश: 107, 180 और 139 लोगों की मौत हुई है। इस वर्ष भी अब तक 172 लोगों की मौत हो चुकी है। मात्र एक दिन 23 जुलाई को 39 व्यक्तियों की मौत हुई थी।