पटना
पटना में गांधी सेतु के समीप 25 हजार की क्षमता का परीक्षा भवन बनेगा। इस भवन में 44 हॉल में 20 हजार 680 परीक्षार्थी ऑफलाइन तथा 20 हॉल में 4400 ऑनलाइन परीक्षा दे सकेंगे। इस तरह कुल 25 हजार 80 परीक्षार्थी एक साथ इस भवन में बैठ सकेंगे। इसको लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष एक अणे मार्ग में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बुधवार को प्रस्तुतीकरण दिया।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि हर जिले की आबादी को ध्यान में रखते हुए ऐसे परीक्षा केन्द्र बनायें, ताकि कदाचार मुक्त एवं पारदर्शी तरीके से वर्ष में कभी भी परीक्षा का आयोजन किया जा सके। पटना में बनने वाले परीक्षा केंद्र पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जब साइट एक ही है और जमीन गैरमजरुआ है, तो उसे ट्रांसफर करने में कोई दिक्कत नहीं होगी। 1.11 एकड़ जमीन में तालाब है, उसे अतिशीघ्र ट्रांसफर कराकर तालाब का सौन्दर्यीकरण एवं उसके चारों तरफ पौधे लगाने की व्यवस्था सुनिश्चित करें, ताकि परिसर हरा-भरा रहे। इसके अलावा वहां घूमने के लिए पाथ-वे भी होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि परीक्षा परिसर की चहारदीवारी इस प्रकार बने कि बाहर से परीक्षा में गड़बड़ी करने की कोई गुंजाइश नहीं रहे। मेट्रो का एलाइनमेंट और बस स्टैंड को ध्यान में रखते हुए पथ निर्माण विभाग और भवन निर्माण विभाग के अधिकारी स्वयं जाकर स्थल का मुआयना कर यह सुनिश्चित कर लें कि परीक्षा परिसर का निर्माण बेहतर ढंग से हो सके। अतिवृष्टि में भी परीक्षा परिसर प्रभावित न हो, इसका ध्यान विशेष रूप से रखना होगा।
आनंद किशोर ने बताया कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा हर वर्ष मैट्रिक, इंटर परीक्षा, डिप्लोमा इन एजुकेशन परीक्षा, सिमुलतला आवासीय विद्यालय प्रवेश परीक्षा, औद्योगिक प्रशिक्षण, उच्च माध्यमिक स्तरीय (हिन्दी एवं अंग्रेजी) परीक्षा, शिक्षक पात्रता परीक्षा सहित अनेक प्रकार की परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं। इसके अतिरिक्त बिहार लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बिहार तकनीकी सेवा आयोग, बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता पर्षद, यूपीएससी, बैंकिंग के साथ-साथ विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं शिक्षण संस्थानों द्वारा पटना में परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं। इन परीक्षाओं में काफी बड़ी संख्या में परीक्षार्थी भाग लेते हैं। इसके लिए पटना जिले के कई कॉलेजों तथा स्कूलों में परीक्षा केन्द्र बनाने पड़ते हैं। इससे शिक्षण एवं अन्य कार्य प्रभावित होते हैं। साथ ही इन परीक्षाओं के आयोजन में कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शांतिपूर्ण एवं कदाचार मुक्त परीक्षा कराने के लिए सभी परीक्षा केन्द्रों पर विधि व्यवस्था के लिए बड़ी संख्या में दंडाधिकारियों एवं पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति, परीक्षा केन्द्रों पर ससमय कोषागार/बैंक से गोपनीय प्रश्न पत्रों को उपलब्ध कराने के लिए वाहनों की व्यवस्था, परीक्षा समाप्ति के पश्चात उत्तर पुस्तिकाओं को सभी परीक्षा केन्द्रों से प्राप्त कर बज्रगृह तक सुरक्षित पहुंचाना एवं उनका रखरखाव, काफी अधिक संख्या में केन्द्र होने से कभी-कभी प्रश्न-पत्रों की गोपनीयता भंग होने के साथ-साथ उसके वायरल होने की आशंका पर सावधानियां बरतनी पड़ती हैं।
परीक्षी केंद्र के पूरे परिसर, भवन, हॉल में सीसीटीवी और जैमर की व्यवस्था होगी। साभी हॉल में वेबकास्टिंग की सुविधा तथा परीक्षाओं का अनुश्रवण मोबाइल फोन के माध्यम से भी करने की व्यवस्था होगी। प्रत्येक भवन के ऊपर सोलर पैनल की व्यवस्था एवं एस्केलेटर की व्यवस्था होगी। सुरक्षा की दृष्टि से 52 सिपाहियों के रहने के लिए एक बैरक की भी सुविधा होगी। गांधी सेतु से लगभग 100 मीटर की दूरी पर 6.79 एकड़ में यह ओल्ड बाइपास के पास निर्मित होगा। इसके लिए 5.78 एकड़ जमीन समिति को ट्रांसफर हो चुकी है। शेष 1.11 एकड़ जमीन ट्रांसफर के लिए पटना जिलाधिकारी को प्रस्ताव भेजा गया है। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव शिक्षा आरके महाजन, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा और अनुपम कुमार आदि उपस्थित थे।