पटना
बिहार में पांच विधानसभा और एक लोकसभा सीट पर उपचुनाव होना है। कांग्रेस की निगाह इनमें से तीन सीटों पर है। इनमें एक लोकसभा सीट भी शामिल है। फिलहाल जो संकेत मिले हैं, उससे पार्टी महागठबंधन का हिस्सा रहते हुए ही उपचुनाव लड़ने जा रही है। हालांकि अभी महागठबंधन के दलों के बीच इन सीटों के बंटवारे पर चर्चा तो नहीं हुई है लेकिन अंदरखाने कांग्रेस ने तीन सीटों के लिए दावा पेश करने का मन बना लिया है।
जिन छह सीटों पर उपचुनाव होना है, वह सीटें विधायकों के सांसद बन जाने और सांसद की मृत्यु के चलते रिक्त हुई हैं। समस्तीपुर से लोजपा के रामचंद्र पासवान सांसद थे, उनका बीते दिनों निधन हो गया था। किशनगंज से कांग्रेस के विधायक मो. जावेद अब लोकसभा पहुंच चुके हैं। इसी तरह बांका की बेलहर सीट से विधायक गिरधारी यादव, नाथ नगर से अजय मंडल, सिमरी बख्तियारपुर से दिनेशचंद्र यादव और दरौंदा से कविता सिंह अब सांसद बन चुकी हैं।
किशनगंज सीट पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने ही जीती थी, सो वहां पार्टी अपना स्वाभाविक दावा बता रही है। इसके अलावा कांग्रेस की नजर नाथनगर सीट पर है। कांग्रेस इस सीट को भी अपने खाते में लेना चाहती है। हालांकि इस सीट पर राजद का भी दावा है। इसके अलावा लोकसभा चुनाव के सीट बंटवारे में समस्तीपुर लोकसभा सीट कांग्रेस के ही खाते में थी। सो पार्टी इसे भी अपनी स्वाभाविक सीट मान रही है।
राजद चार विधानसभा सीटें चाहता है
महागठबंधन में शामिल दलों ने बीते दिनों एका प्रदर्शित करने का प्रयास किया था। यदि यह एका बरकरार रही तो उपचुनाव वाली सीटों पर बंटवारे को लेकर पेच फंसना तय है। राजद चार विस सीटें चाहता है। उधर, रालोसपा और हम भी एक-एक सीट की चाह पाले हुए हैं।