रायपुर
राजधानी अंधेरे में है। शहर की गई गली, मोहल्लों में स्ट्रीट लाइट बंद है। फ्यूज लाइट बदली नहीं जा रही हैं। जो लगी हैं उनमें भी कई जल-बुझ रही हैं, इसलिए इनका कोई मतलब नहीं। यह हालात तब हैं जब त्योहारों का सीजन शुरू हो चुका है। शहर की हर सड़क रोशन होना चाहिए, लेकिन ये अंधेरे में डूबी हैं। इसे लेकर जनता तो परेशान है ही, पार्षद भी परेशान हैं।
हर वार्ड से शिकायतें पार्षदों के माध्यम से नगर निगम मुख्यालय पहुंच रही हैं। निगम का शिकायत नंबर निदान 1100 में भी स्ट्रीट लाइट्स बंद होने की शिकायतें आवारा मवेशियों के बाद सर्वाधिक है। बावजूद इसके निगम इस समस्या को दूर नहीं कर पा रहा है। वह इसलिए क्योंकि पूरी व्यवस्था ठेके पर है।
पड़ताल में सामने आया कि तीन साल पहले तत्कालीन सरकार ने ईएसएल कंपनी को शहर के 55 हजार खंभों में लगे बल्ब को बदलकर उनकी जगह एलईडी लाइट लगाने का वर्कऑर्डर दिया। कंपनी ने ऐसा काम किया की पूरा प्रोजेक्ट ही तीन सालों से सवालों के घेरे में है। मेंटेनेंस का कोई काम नहीं हो रहा है।